अवैध क्लिनिक, लैब, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड केंद्रों की होगी जांच
डीएम ने जिले के सभी प्रखंडों में दो-दो सदस्यीय टीम बनायी
औरंगाबाद/दाउदनगर. अवैध रूप से संचालित क्लिनिक, हॉस्पिटल, पैथोलॉजिकल लैब, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड केंद्रों की अब जांच की जायेगी. इसके लिए डीएम द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में दो-दो सदस्यीय टीम बनायी गयी है. सूत्रों से पता चला कि सिविल सर्जन द्वारा जिले के प्रखंडों में चल रहे अवैध अथवा नियम के विरुद्ध संचालित नर्सिंग होम, क्लिनिक, हॉस्पिटल, पैथोलॉजिकल लैब, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड केंद्रों आदि की नियमित रूप से जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई करने के लिए प्रखंडवार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति डीएम द्वारा की गयी है. सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने-अपने संबंधित प्रखंडों में संबंधित थानाध्यक्षों से समन्वय स्थापित करते हुए औचक निरीक्षण व जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई करेंगे. प्रतिनियुक्त प्रशासनिक एवं चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने संबंधित प्रखंडों में नियमित रूप से अनुश्रवण करते हुए यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि उनके क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी परिस्थिति में बिना पंजीकरण अथवा पंजीकरण रहने पर नैदानिक स्थापन के लिए निर्धारित मापदंडों का अनुपालन किए बगैर नर्सिंग होम, क्लिनिक, हॉस्पिटल, पैथोलॉजिकल लैब, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड केंद्रों का संचालन नहीं हो. रफीगंज में बीडीओ उपेंद्र दास और मेडिकल ऑफिसर डॉ एस नारायण, बारुण में बीडीओ पन्नालाल व मेडिकल ऑफिसर डॉ वरेंदु शेखर, दाउदनगर में बीडीओ मो जफर इमाम व मेडिकल ऑफिसर डॉ अनमोल कुमार, मदनपुर में बीडीओ और अवतुल्य कुमार आर्य व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, हसपुरा में बीडीओ प्रदीप कुमार चौधरी व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुणाल कामाख्या नारायण, सदर प्रखंड में बीडीओ रमन सिंह व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्याम कुमार, गोह में बीडीओ राजेश कुमार दिनकर व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश चंद्रा, देव में बीडीओ अंकेशा यादव व मेडिकल ऑफिसर डॉ प्रदीप कुमार शर्मा, ओबरा में बीडीओ युनुस अंसारी व मेडिकल ऑफिसर डॉ शशिकांत कुमार, नवीनगर में बीडीओ अरुण सिंह व मेडिकल ऑफिसर डॉ नवीन सिद्धार्थ एवं कुटुंबा में बीडीओ मनोज कुमार व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आकांक्षा सिंह की टीम बनायी गयी है. जिले के विभिन्न प्रखंडों में अवैध रूप से निजी क्लिनिकों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है. शायद ही कोई ऐसा प्रखंड हो, जो इससे अछूता हो. अवैध क्लिनिकों में मरीजों का जबर्दस्त आर्थिक शोषण होने की शिकायत मिलती रहती है. सूत्रों से पता चला कि कई ऐसे निजी क्लिनिक हैं, जो बिना निर्धारित मापदंड के ही चल रहे हैं. हद तो यह है कि सरकारी अस्पताल के आसपास में भी निजी क्लिनिकों का संचालन हो रहा है. इसका उदाहरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दाउदनगर के समीप व दाउदनगर-बारुण रोड पर देखा जा सकता है. यहां पर एक ऐसा भी निजी क्लिनिक है, जिसका बोर्ड कुछ दिन पहले तक लगा हुआ था. इधर, हाल के दिनों में बोर्ड को हटा दिया गया है. इसी तरह इसी अनुमंडल मुख्यालय के कई इलाकों में निजी क्लिनिकों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है, जहां किसी प्रकार का कोई मापदंड नहीं है. सूत्रों का कहना है कि दलालों द्वारा मरीजों को बहला-फुसलाकर कर मोटे कमीशन के चक्कर में निजी क्लीनिक में भेज दिया जाता है, जहां मरीजों का जमकर आर्थिक शोषण होता है. मरीजों के परिजनों को पहले बहला-फुसलाकर ऑपरेशन के नाम पर मोटी रकम ली जाती है. जब किसी मरीज की मौत हो जाती है या मामला खराब हो जाता है और हंगामा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो निजी क्लिनिक संचालक किसी तरह येन-केन-प्रकारेण समझौता करते हैं, जिससे मामला दब जाता है और थाना तक भी मामला पहुंच नहीं पता, लेकिन चर्चाओं का दौर जरूर हो जाता है. अब जब ऐसे क्लिनिकों की जांच के लिए टीम बनायी गयी है तो देखना यह होगा कि टीम द्वारा कब तक और क्या कार्रवाई की जाती है और उसका परिणाम क्या रहता है. इसी तरह की स्थिति एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल जांच संस्थानों की भी है.
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