नवीनगर व अंबा में नियमित जलापूर्ति शुरू, रोपनी में आयी तेजी
कोयल नदी उफान पर, बराज से नीचे डाउन साइड में दिया जा रहा 32814 क्यूसेक पानी
औरंगाबाद/अंबा. झारखंड की बारिश से कोयल नदी उफान पर है. मोहम्मदगंज का भीम बराज पानी से भर गया है. फिलहाल बराज के डाउन साइड में अतिरिक्त पानी नीचे नदी में दिया जा रहा है. इधर, तांतिल व्यवस्था के तहत नवीनगर व अंबा डिवीजन में कोयल नहर से नियमित जलापूर्ति शुरू हो गयी है. गुरुवार को बराज से राइट साइड कैनाल में 1900 क्यूसेक पानी दिया गया है. इसमें से करीब 1000 क्यूसेक पानी झारखंड बॉर्डर के 103 आरडी पर बिहार को प्राप्त हो रहा है. नवीनगर के एग्जिक्यूटीव इंजीनियर उमेश कुमार ने बताया कि पाराबंदी के तहत अंबा डिवीजन क्षेत्र में पानी दिया जा रहा है. रविवार की सुबह से लेकर बुधवार तक नवीनगर डिवीजन क्षेत्र में नहर से सिंचाई होगी. इधर, अंबा के एग्जिक्यूटीव कुमार आनंद वर्द्धन पूषण ने बताया कि 750 क्यूसेक के बाद शेष पानी औरंगाबाद डिवीजन को दिया जा रहा है. हालांकि, बरियावा गांव के समीप मुख्य नहर के बेड में अवैध दीवार होने से जल प्रवाह प्रभावित हो रही है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अंबा डिवीजन क्षेत्र के बरियावा गांव के समीप आसपास गांव के किसानों ने वर्षों पहले मेन केनाल के बेड में अवैध रूप से पक्का दीवार निर्माण कर दिया है. ऐसे में नहर का जल प्रवाह प्रभावित हो रहा है. यहां तक अनावश्यक रूप से नहर के सिस्टम में छेड़-छाड़ किये जाने से तटबंध डैमेज होने की आशंका बनी रहती है. कोयल नहर का तटबंध लिकेज से क्षतिग्रस्त होता है, वहां पर दोनो साइड में काफी दूरी तक मिट्टी की भरावट है. उक्त अवैध दीवार से जल प्रवाह बाधित होने से काफी दूर तक नहर के तटबंधों पर पानी का दबाव बनता है. यहां तक कि जल प्रवाह भी धीमा पड़ जाता है जिससे आगे के किसानों को सिंचाई में दिक्कत होती है. हालांकि पहले के दिनों में सदर प्रखंड और देव के किसानों ने अवैध पक्का दीवार का घोर विरोध किया था. इसके लिए जिला प्रशासन से अवैध दीवार हटाने की गुहार भी लगायी थी. इसके बावजूद अब तक अनाधिकृत रूप से निर्मित दीवार ज्यों-के त्यों है. जल संसाधन विभाग औरंगाबाद के अधीक्षण अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि कोयल नहर के भीम बराज में पर्याप्त पानी का भंडारण हो गया है. वर्तमान में कोयल नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. बराज का पौंड लेबल मेंटेन करने के बाद 32814 क्यूसेक पानी नदी में बहाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि किसान धैर्य रखें. तांतिल के व्यवस्था के तहत अधिनस्थ क्षेत्रों में नहर से अनवरत जलापूर्ति जारी रखी जायेगी.
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