दाउदनगर. काराकाट सांसद राजाराम सिंह लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट के खिलाफ बोलते हुए कहा कि यह छात्र-युवा विरोधी है. किसान व गरीब विरोधी बजट है. पिछले चुनाव के जनादेश का उल्लंघन किया गया है. लगातार कृषि बजट घटता चला गया है. देश में खेती घाटे में है. देश का किसान लगातार लाभकारी खेती के लिए लड़ रहा है. खेती को लाभकारी बनाया जाना चाहिए. किसानों के साथ हुए समझौता को लागू किया जाना चाहिए. नौजवानों के प्रति यह बजट बेरुखी का इजहार करता है. जो इकोनामिक सर्वे आया उसमें कहा गया कि आधे नौजवान रोजगार के काबिल नहीं है, तो स्किल इंडिया क्या कर रहा था. एक करोड़ नौजवानों की इंटर्नशिप कराने की बात हो रही है. यह सरकार किसी भी मामले में कंपनी और कॉर्पोरेट को मदद करने का बहाना ढूंढ़ लेती है. जो आम आदमी है, उससे 60 प्रतिशत टैक्स तय किया गया है और जो सुपर रीच व्यक्ति है, उससे मुश्किल से दो प्रतिशत टैक्स लेते हैं. उन्होंने कहा कि जब बिहार-झारखंड का बंटवारा हुआ तो वे बिहार विधानसभा में थे. उसी समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठी थी. आज भी सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. इंटरनेशनल बॉर्डर से पानी आता है. बिहार बाढ़ में डूब जाता है. क्या उसका उपाय हुआ है. कोसी हाईडैम बनाने की बात थी. सरकार ने उसके लिए कुछ नहीं किया है. बिहार की सिंचाई और कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ सोन कैनाल पर इंद्रपुरी जलाशय बनाने की मांग है. उस पर सरकार ने कुछ नहीं किया है. उन्होंने बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन निर्माण की की मांग भी रखी. डालमियानगर उद्योग का मामला भी उठाया.
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