औरंगाबाद शहर. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे तीन सुनील कुमार सिंह ने सिमरा थाना कांड संख्या 47/19, एसटीआर 62/24 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए काराधीन एकमात्र अभियुक्त अरविंद प्रजापति को दोषी ठहराया है. न्यायालय ने भादंवि की धारा 302, 201, 120बी के तहत दोषी ठहराते हुए सजा की बिंदु पर सुनवाई की तिथि आठ अगस्त निर्धारित की है. अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक सिमरा पुलिस अवर निरीक्षक उमेश कुमार सिंह ने 23 नवंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में कहा कि सूचना मिली थी कि शिवपुर के पश्चिमी नहर के किनारे एक अज्ञात महिला का शव धान के खेत में पड़ा है. वरीय अधिकारियों को सूचना देकर सत्यापन के लिए घटना स्थल पहुंचा तो स्थानीय सरपंच और लोगों ने शव की पहचान सिमरा चोरहा निवासी अरविंद प्रजापति की पत्नी पूजा देवी के रूप में की. अभियुक्त ने पहले से शादीशुदा पूजा देवी से प्रेम विवाह किया था. उसके साथ दिल्ली में रह कर प्राइवेट नौकरी करता था. उसके दो बच्चे थे. फिर उसने अपने आप को कुंवारा बताते हुए नवीनगर के भुसौली तेंदुआ में एक युवती से दूसरी शादी कर ली. उसके बाद पहली पत्नी को ठिकाने लगाने के लिए 21 नवंबर 2019 को नवीनगर स्थित पहला ससुराल ले जाने के क्रम में मिर्जापुर रिसियप मंदिर में रात में पहली पत्नी और बच्चों के साथ रूका और आधी रात को दोनों बच्चों को मंदिर में छोड़कर पूजा देवी को घटना स्थल ले जाकर गमछा से गर्दन दबाकर हत्या कर दी और भाग गया. जब दोनों बच्चे माता-पिता को न देखकर मंदिर में रोने लगे तो थाना के माध्यम से बाल संरक्षण ईकाई औरंगाबाद भेजा गया. बच्चों ने भी घटना के बाद अपने मां के शव की पहचान की थी. अभियोजन पक्ष ने मजबूती से घटना के समर्थन में गवाही संपन्न करायी थी.
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