औरंगाबाद शहर. इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार को मॉनसून की पहली बारिश हुई. खेतों में दरार पड़ने से चिंतित किसानों को जहां बारिश से राहत मिली, वहीं औरंगाबाद शहर में जलजमाव उत्पन्न हो गया. नगर पर्षद कार्यालय से लेकर सदर अस्पताल का परिसर जलमग्न हो गया. नगर परिषद कार्यालय के परिसर में घुटने भर पानी जमा हो गया. सदर अस्पताल में भी पानी जमा होने से मरीजों को काफी परेशानी हुई. वहीं मेन रोड में ब्लॉक मोड़ व तेलिया पोखर के आसपास सड़क पर घुटने भर पानी जमा हो गया. भारी बारिश ने शहर की सूरत ही बिगाड़ दी. शहर के अधिकांश मुहल्लों में यही स्थिति दिखी. पानी निकासी नहीं होने से सड़कों पर जलजमाव हो गया, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई. वैसे मॉनसून में बारिश नहीं होने से लोग परेशान थे. शनिवार की सुबह होती ही तेज धूप निकल आयी और गर्मी भी भीषण थी. चिलचिलाती धूप व गर्मी से लोग बेहाल थे. अचानक दोपहर दो बजते ही आसमान में बादल छाये. कुछ देर तक आसमान गरजता रहा तथा बादल और अधिक घना होता चला गया. इसके कुछ देर बाद मूसलाधार बारिश शुरू हुई. करीब डेढ़ से दो घंटे तक हुई बारिश से शहर में जलजमाव हो गया. वहीं किसान खेती करने की तैयारी में जुट गये. नगर पर्षद का कार्यालय परिसर जलमग्न होने पर शहरवासियों ने सवाल भी उठाया. कहा कि जब नगर परिषद का कार्यालय ही जलमग्न है तो समझा जा सकता है कि शहर की स्थिति क्या होगी. ड्रेनेज को सुधारने की दिशा में काम करना होगा. वहीं मेन रोड पर घुटने भर पानी जमा होने से लोगों को वाहन से भी आने-जाने में परेशानी हुई. जलजमाव में वाहन भी फंस गया, जिसे निकालने के लिए लोगों को जद्दोजहर करनी पड़ी. आज रविवार की सुबह भीम बराज मोहम्मदगंज का गेट ऑन कर राईट साईड उत्तर कोयल नहर में टेस्टिंग के लिए पानी छोड़ा जायेगा. इसकी जानकारी जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर मो शाहिद इकबाल ने दी है. उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह से ही बराज के डाउन स्टीम का गेट डाउन कर जल भंडारण शुरू कर दिया गया था. झारखंड के उपरी भाग में बारिश नहीं होने से बराज में पानी का अभाव चल रहा था. इधर, शनिवार से बराज में पानी का जल स्तर उठने लगा है. उन्होंने बताया कि देर शाम तक उक्त बराज का वाटर लेबल डेढ़ मीटर हो गया है. अगले दिन तक वाटर लेबल मेंटेंन होने की संभावना जतायी जा रही है. उन्होंने बताया कि अगर मौसम अनुकूल रहा, तो किसानों को खरीफ फसल की सिंचाई में दिक्कत नहीं होगी. देव. कई दिनों से हो रही उमसभरी भीषण गर्मी से परेशान लोगों को शनिवार दोपहर हुई बारिश ने काफी राहत दी. पंपिंग सेट से धान के बिचड़े में बार-बार पानी लगाने से परेशान किसानों को कुछ राहत मिली तो धान के लिए खेत तैयार किए बैठे किसानों के चेहरे खिल उठे. शनिवार दोपहर से ही आसमान में काले बादल घुमड़ने लगे थे. एक बजे तेज हवा के साथ शुरू हुई बूंदाबांदी दो बजते-बजते तेज बारिश में तब्दील हो गई. मानसून की पहली बारिश से जहां पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी से बेहाल लोगों को निजात मिली, वहीं, खेतों में पानी भर जाने से किसानों के चेहरे खिल उठे. इस बरसात को वे संजीवनी बूटी से कम नहीं मान रहे हैं. बारिश नहीं होने से खेतों में दरारें पड़ने लगी थी. भीषण धूप के कारण सब्जी की फसल जल कर बर्बाद हो गए थे. इस वजह से कई दिनों से बारिश की आस लगाये बैठे थे. अब बारिश से धान को फायदा होगा. देव, बसडीहा, भवानीपुर, इसरौर, सरगांव, केताकी, बेढ़नी, बेदाना बरांडा रामपुर, दुलारे आदि पंचायत में अभी भी सूखे की मार है. बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं, जिनके पास सिंचाई की सुविधा नहीं है और उनका कृषि कार्य पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है. किसान शिवपूजन सिंह, रविंद्र मिश्रा, सुरेंद्र चौबे, कामता सिंद, सुरेंद्र सिंह, मनोज कुमार, राहुल सिंह, विनोद कुमार सिंह, अजय यादव, विनोद यादव, श्याम बिहारी मिश्रा, वीरेंद्र कुमार ने कहा कि बारिश होने से राहत मिली है. बारिश से धान के पौधों को फायदा होगा, लेकिन यह बारिश पर्याप्त नहीं है.
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