चौराहे पर टांगी से काटकर वृद्ध की हत्या करने वाले 16 दोषियों को आजीवन कारावास
ओझा-गुनी के चक्कर में 2020 में हुई थी वृद्ध की हत्या, बहू के बयान पर दर्ज हुआ था केस
औरंगाबाद ग्रामीण. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के एडीजे टू संजय मिश्रा ने शुक्रवार को ओझा-गुनी के चक्कर में हुई हत्या के 16 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अदालत ने कुटुंबा थाना कांड संख्या 133/2020 की सुनवाई करते हुए आइपीसी की धारा 302 तथा तीन डायन अधिनियम के तहत सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही सभी आरोपितों पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं देने पर सभी आरोपितों को छह माह की अतिरिक्त कारावास होगी. जानकारी के अनुसार 13 अगस्त 2020 को कुटुंबा थाना क्षेत्र के समदा इब्राहिमपुर गांव में ओझा गुनी के चक्कर में 65 वर्षीय वृद्ध जगदीश राम की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी. उस दौरान आरोपितों ने वृद्ध को चारों तरफ से घेरकर बीच चौराहे पर टांगी और गड़ासे से काट कर हत्या कर दी थी. मामले में मृतक की बहू सोनू राम की पत्नी ने 13 अगस्त 2020 को कुटुंबा थाने में आवेदन देकर 16 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुष्पा देवी द्वारा दिये गये आवेदन में उल्लेख किया था कि नौ अगस्त 2020 को गांव के ही भुवनेश्वर राम के पुत्र जगल राम की किसी बीमारी के कारण मौत हो गयी थी. मौत के बाद परिजन व ग्रामीणों द्वारा उसके ससुर पर ओझा-गुनी का आरोप लगाया जाने लगा और उन्हें प्रताड़ित करने लगे. 13 अगस्त को उसके ससुर किसी रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे. अकेले देख ग्रामीणों ने दोपहर में ही अचानक हमला कर दिया. किसी तरह वे अपने आप को बचाते हुए वहां से भागने लगे. इसके बाद ग्रामीण उन्हें खदेड़ने लगे और अमरपुर गांव के समीप सभी ग्रामीणों ने चारों तरफ से घेर लिया. उस दौरान सभी ग्रामीण धारदार हथियार, टांगी व गड़ासा लिए हुए थे. इसी दौरान अचानक ग्रामीणों ने उसके ससुर पर हमला कर दिया. घटनास्थल पर तड़प-तड़पकर वृद्ध की मौत हो गयी. एपीपी राजाराम चौधरी ने बताया कि कुटुंबा थाना में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मामला व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद पहुंचा. शुक्रवार को एडीजे-2 संजय मिश्रा की अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इधर, बचाव पक्ष के अधिवक्ता शिवकुमार राम ने बताया कि सभी आरोपित निर्दोष हैं. सभी को गलत मामलों में फंसाया गया है. यहां के बाद वे न्याय के लिए उच्च न्यायालय पटना अपील करेंगे. इन आरोपितों को हुई आजीवन कारावास हत्या मामले में समदा इब्राहिमपुर गांव के सुरेश राम, रविंद्र राम, सुरेंद्र राम, सत्येंद्र राम, महाराज राम, उदय राम, शत्रुध्न राम, विनीत राम, मनोरमा देवी, सुदामा राम, बलिंदर राम, राकेश राम, रामदेव राम, राजन राम, ललिता देवी एवं मुकेश राम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
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