बालू माफियाओं का बढ़ता साहस पुलिस के लिए चुनौती
ट्रैक्टर के चक्के तले माफिया रौंदते आ रहे पुलिस को, कई जवानों की हुई है मौत
औरंगाबाद कार्यालय. सोन नद का बालू चमकता सोना के रूप में विख्यात है. यही कारण है कि चोरी-छिपे बालू का अवैध कारोबार होते रहा है. यहां कई अवैध घाट बने हुए है, जिसका सीधा जुड़ाव माफियाओं से है. वैध घाट से भी अवैध कारोबार होते रहा है. यूं कहे कि कभी भी बालू का अवैध कारोबार नहीं रूका. 24 घंटे माफियाओं की नजर चमकते सोने पर रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि माफियाओं और उनके गुर्गों की साहस इतनी बढ़ी है कि वे अवैध कारोबार को रोकने में लगे पुलिस कर्मियों को भी रौंदने से बाज नहीं आते है. आश्चर्य की बात तो यह है कि अवैध कारोबार को रोकने के लिए हर दिन छापेमारी होती है, लेकिन इस कारोबार पर अंकुश नहीं लग रहा है. रविवार की सुबह दाउदनगर प्रखंड के मुसेपुर खैरा गांव के समीप दाउदनगर थाने में पदस्थापित सिपाही दीपक कुमार बालू माफियाओं की भेंट चढ़ गया. इस मौत के बाद पहले की घटनाएं ताजा हो गयी. औरंगाबाद जिले में कई जवानों ने बालू के अवैध कारोबार को रोकने में अपनी जान गंवायी है. दीपक कुमार पहला पुलिस कर्मी नहीं है. इससे पहले भी कई जवानों को माफियाओं ने वाहनों के चक्के तले रौंद दिया है. 29 मार्च 2022 की रात बारुण थाना क्षेत्र के गैमन पुल के चेकपोस्ट पर माफियाओं ने बीएमपी जवान अजय कुमार को रौंद दिया था. जिससे उसकी मौत हो गयी थी. इस घटना के पहले बारुण थाने के समीप चेक पोस्ट पर एक जवान को माफियाओं ने रौंद दिया था, जिससे उसकी भी मौत हो गयी थी. 11 अप्रैल 2021 को दाउदनगर थाना क्षेत्र के मौलाबाग मोड़ के समीप माफियाओं के ट्रैक्टर व पिकअप की टक्कर में पुलिस के एक जवान की मौत हो गयी थी. वैसे बारुण थाना क्षेत्र के सोन दियारा, एनीकट, कोचाढ़ व इंग्लिश गांव में भी पुलिस पर माफियाओं और उनके समर्थकों ने हमला किया था. इसमें कई जवान घायल हुए थे. इसी वर्ष कुटुंबा प्रखंड के घेउरा गांव के समीप बालू माफियाओं ने रिसियप पुलिस पर हमला किया था, जिसमें कई जवान घायल हुए थे. इसी वर्ष 16 जून को गोह के शेखपुरा में पुनपनु नदी घाट से बालू उठाव करने वाले माफियाओं ने पुलिस पर हमला कर चार जवानों को घायल कर दिया था. वर्ष 2022 में परता गांव के समीप पुलिस पर हमला हुआ था. रफीगंज के कजपा में भी पुलिस पर हमले हुए थे. 10 माह पहले नवीनगर के बड़ेम में माफियाओं ने होमगार्ड की ली थी जान रविवार की सुबह सिपाही दीपक कुमार की मौत होने के बाद बालू माफियाओं के हौसले और मंसूबे को ध्वस्त करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. इस घटना से ठीक दस माह पहले यानी एक नंवबर 2023 को नवीनगर प्रखंड के माधे रोड में अवैध बालू परिचालन को रोकने का प्रयास कर रहे 58 वर्षीय होमगार्ड जवान व बड़ेम ओपी थाना में पदस्थापित रामराज महतो को माफियाओं ने ट्रैक्टर से रौंद दिया था. इस घटना में होमगार्ड जवान की उसी जगह पर मौत हो गयी थी. मृतक मदनपुर थाना क्षेत्र के चिल्मी टोले कोइरी बिगहा का रहने वाला था.
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