भगवान बिगहा टीले पर फंसे कई सब्जी उत्पादक किसान फंसे

सोन टीले में फंसे छह किसानों को निकाला गया

By Prabhat Khabar News Desk | August 5, 2024 10:17 PM

दाउदनगर. इंद्रपुरी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद सोन नद का जलस्तर रविवार की रात से बढ़ गया. दाउदनगर के सोनतटीय इलाके में जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है. सूत्रों से पता चला कि इंद्रपुरी बराज पर देर रात पांच लाख क्यूसेक से अधिक पानी पहुंचने की सूचना मिली थी. आधी रात के बाद जलस्तर बढ़ने लगा. सुबह चार बजे बराज पर पांच लाख 21 हजार 964 क्यूसेक पानी पहुंचने लगा. बराज के 69 गेट को खोलकर सोन नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. चार लाख 76 हजार 231 क्यूसेक पानी सोन में जा रहा था. उत्तर प्रदेश के रिहंद डैम से सोन में हैवी डिस्चार्ज किया गया, जिसके बाद इंद्रपुरी डैम पर पानी का दबाव बढ़ गया. दाउदनगर के अंछा, दाउदनगर शहर के सोनतटीय इलाका व शमशेर नगर पंचायत के सोनतरीय इलाके में जलस्तर बढ़ गया. सब्जी उत्पादक किसानों के खेत पानी में डूब गये. कई झोंपड़ियां व अर्द्धनिर्मित मकान ध्वस्त हो गये. अंछा में गांव के किनारे लगने वाले सब्जी मार्केट तक, शहर के बालूगंज में डबरा तक, काली स्थान की ओर, अंकोढ़ा पंचायत के भगवान बिगहा, शमशेर नगर पंचायत के नान्हु बिगहा, मेवा बिगहा आदि इलाकों के सोनतटीय क्षेत्र में जल स्तर बढ़ा है.

भगवान बिगहा में कुछ सब्जी उत्पादक किसानों के सोन टीले पर फंसे होने की सूचना मिली. संवाद भेजे जाने तक छह लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया. सीओ शैलेंद्र कुमार यादव ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान भगवान बिगहा में कुछ लोगों के सोन टीले में फंसे होने की सूचना मिली है. रेस्क्यू कराया जा रहा है. फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए नाव भेजा गया है. संवाद भेजे जाने तक भगवान बिगहा निवासी डोमा पासवान, रामचंद्र चौधरी, मनमतिया देवी, हरि प्रसाद चौधरी, लखन चौधरी, संतरा देवी को सुरक्षित निकाला गया है. सीओ ने शमशेर नगर पंचायत के सोनतटीय इलाकों के अलावा भगवान बिगहा के सोन तटीय इलाके का दौरा किया और जलस्तर का निरीक्षण किया लोगों से सजग और सतर्क रहने की अपील की है. कहा है कि सोन नदी की ओर नहीं जाएं.

सोनतटीय इलाकों के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा सभी सीओ को माइक से अनाउंसमेंट कराने का निर्देश दिया गया है. जिला आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने संभावित बाढ़ क्षेत्र में सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से माइकिंग करवाने व अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की प्रतिनियुक्त करने का निर्देश जिले के सभी सीओ को दिया गया है.

सोन नदी में अचानक भी जलस्तर में वृद्धि के कारण सोनतटीय इलाके में सब्जी की खेती करने वाले किसानों को काफी क्षति हुई है. सोन टिले पर किसानों द्वारा परवल, नेनुआ, करैली, लौकी, धान, अरहर आदि की खेती पैमाने पर की जाती है. इस बार कई वर्षों के बाद सोन के जलस्तर में इतनी ज्यादा वृद्धि हुई है. किसानों का कहना है कि इससे उन लोगों की फसल डूब चुकी है. इससे उन्हें आर्थिक क्षति हुई है. सोनतटीय इलाके में उपजाऊ भूमि मिल जाने के कारण अच्छी उपज भी होती है. मोटर पंप से भी खेती की जाती है और उनके द्वारा खेती को जंगली जानवरों से बचने के लिए कई जगह तरह के कृषि यंत्रों का प्रयोग भी किया जाता है. इनके आशियाने के रूप में मड़ई होती है. मड़ई भी डूब चुकी है.

ओबरा में 20 किसानों का हुआ रेस्क्यू, फसल बर्बाद

ओबरा. थाना क्षेत्र के नवनेर गांव स्थित सोन टीले पर खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अचानक अत्यधिक पानी आ जाने के कारण किसानों में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. बताया जाता है कि नवनेर गांव के किसान ने सोन नद में खेती की थी. सब्जी के फसल लगाये थे. अचानक पानी आने से फसलों को नुकसान हुआ है. हालांकि लगभग 20 किसान सोन के टीले पर फंस गये थे. सोमवार को ग्रामीणों की तत्परता से नाव के माध्यम से उन्हें निकाला गया. ग्रामीण सिकंदर यादव एवं हरसू ने बताया कि गांव स्थित सोन नदी में अचानक पानी आ जाने के कारण अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया था. किसान नारद चौधरी, प्यारे चौधरी, गंगा चौधरी, काशी चौधरी, कामेश्वर चौधरी, रमाकांत चौधरी, जय गोपाल सहित 20 अन्य किसानों द्वारा सोन नदी में सब्जी की खेती लगायी गयी थी, जिसे काफी नुकसान हुआ है. इधर, सीओ हरिहरनाथ पाठक ने बताया कि प्रशासन की पूरी नजर है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version