औरंगाबाद कार्यालय. साइबर थाने की पुलिस ने फर्जी चेक से राशि निकासी व ठगी में एक्स्पर्ट शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है. उसके पास से काफी संख्या में एटीएम, क्लोन चेक आदि सामान बरामद हुए है. यूं कहे कि पुलिस ने एक फर्जीवाड़ा का बड़ा खुलासा किया है और जो पकड़ा गया अपराधी है वह मास्टरमाइंड है. पकड़े गये शातिर की पहचान नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के इस्लामपुर निवासी असलम वारसी के पुत्र मुजाहिद वारसी के रूप में हुई है. बुधवार को पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने साइबर थाना की डीएसपी व अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रेसवार्ता कर जानकारी साझा की. एसपी ने बताया कि शिवशंकर कुमार नामक व्यक्ति के खाते से फर्जी चेक के माध्यम से 92 हजार रुपये की निकासी की गयी. दो मई को वादी द्वारा जानकारी दी गयी कि फर्जी चेक के माध्यम से उनके खाते से 92 हजार रुपये निकाल लिये गये है. साइबर थाने में ही मामले की प्राथमिकी कांड संख्या 26/24 के रूप में दर्ज की गयी. फर्जी निकासी करने वाले शातिर व उसके गिरोह पर नकेल कसने के लिए साइबर थाने के पुलिस उपाधीक्षक अनु कुमारी के नेतृत्व में टीम गठित की गयी. अनुसंधान के क्रम में चेक क्लोनिंग का काम करने वाले मुजाहिद वारसी के बारे में जानकारी हाथ लगी. पता चला कि मुजाहिद विभिन्न उपभोक्ताओं के खाते से चेक क्लोनिंग के माध्यम से राशि की निकासी के साथ-साथ ठगी करता है. सॉफ्टवेयर एनालाइसिस, टावर लोकेशन, सीडीआर, स्मार्ट रिपोर्ट और अन्य साक्षयों के आधार पर साइबर थाना व डीआइयू की टीम ने उसके पटना स्थित ठिकाने पर छापेमारी की. इस क्रम में कई नकली चेक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेनड्राइव, मोबाइल, हाई क्वालिटी पेपर आदि बरामद किया गया. कार्रवाई के दौरान प्रतीत हुआ कि मुजाहिद चेक क्लोनिंग स्कैम करने का मास्टरमाइंड है तथा विभिन्न शहरों में फ्रॉड करता है. नकली चेक इतनी बारीकी से बनाता था कि इसे बैंक के अधिकारी भी देखकर धोखा खा जाये. एसपी ने बताया कि पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है. इसमें कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है. गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ विभिन्न जिलों में ठगी के अलग-अलग मामले दर्ज हैं. उसने कांड में अपनी संलिप्ता स्वीकार की है. मामले में आवश्यक कार्रवाई के उपरांत जेल भेज दिया गया. इस कार्रवाई में डीआइयू से पुलिस अवर निरीक्षक राम इकबाल यादव, प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक नेहा रंजन, सिपाही रोहित कुमार एवं डीआईयू की टीम शामिल थीं.
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