औरंगाबाद में नक्सली बंद का मिला-जुला असर, देव हुआ प्रभावित
नक्सलग्रस्त इलाकों में बंद का व्यापक असर दिखा है
औरंगाबाद/देव. इनामी नक्सली विवेक की पत्नी जया की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी संगठन द्वारा बिहार-झारखंड बंद के आह्वान का औरंगाबाद जिले में मिला-जुला असर रहा. जिला मुख्यालय में नक्सली बंदी का असर नहीं दिखा, लेकिन वाहनों की आवाजाही कम होने की वजह से कुछ हद तक प्रभाव पड़ा. नक्सलग्रस्त इलाकों में बंद का व्यापक असर दिखा है. देव बाजार सहित ग्रामीण इलाकों के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. तमाम दुकानें बंद रहीं. देव बाजार सहित केताकी, चट्टी, बालूगंज व कंचनपुर सहित अन्य बाजार कुछ समय के लिए बंद रही. सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. यात्री बसों व अन्य बड़ी वाहनों का परिचालन भी ठप रहा. इस वजह से यात्रियों को परेशानी हुई. हालांकि जरूरत पड़ने पर निजी वाहन या ऑटो से लोगों ने यात्रा की. बंद का असर बैंकों एवं सरकारी कार्यालयों पर भी दिखा. देव बाजार स्थित पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआइ सहित अन्य बैंकों में बाहर से ताला लटका रहा. प्रखंड कार्यालय पर भी भीड़ कम रही. सरकारी दफ्तरों में सभी कर्मी नहीं पहुंच सके. हालांकि, इस दौरान कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना की की सूचना नहीं है. देव व ढिबरा थानाध्यक्ष के साथ अन्य पुलिस पदाधिकारी पुलिस बल के साथ सड़कों पर मार्च करते दिखे. उधर, कुटुंबा के टंडवा व महराजगंज बाजार बंद रहे. अंबा व कुटुंबा में नक्सली बंदी से कोई असर नहीं पड़ा. इक्के-दुक्के छोड़कर अधिकांश निजी प्रतिष्ठान खुले रहे. सरकारी और निजी विद्यालय पर भी बंदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. सड़कों पर अन्य दिनों की तरह वाहनों का परिचालन जारी रहा. पीएनबी कुटुंबा,अंबा, बलिया के साथ डीबीजीबी संडा और महाराजगंज तथा एसबीआइ व इंडियन बैंक का सटर डाउन रखा गया. वहीं, मदनपुर प्रखंड के जुडाही बाजार में दिखा. हालांकि, मदनपुर समेत अन्य बाजारों में असर नहीं दिखा. नक्सली बंदी के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. यात्री बस एवं अन्य बड़ी वाहनों का परिचालन नहीं हो सका. जिससे यात्रियों को यात्रा करने में परेशानी हुई. हालांकि इस दौरान कहीं भी किसी तरह की अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है. शांति व्यवस्था बनी रहे इसे लेकर पुलिस अलर्ट रही.
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