नगर पर्षद के सफाई कर्मी तीन दिन से हड़ताल पर
370 की जगह 500 रुपये मांग रहे मजदूरी, औरंगाबाद में सफाई व्यवस्था ध्वस्त
औरंगाबाद कार्यालय. औरंगाबाद शहर या यूं कहे नगर पर्षद क्षेत्र में सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है. जिनके ऊपर शहर की सफाई करने की जिम्मेवारी है, वे एक अगस्त से हड़ताल पर हैं. वैसे यह कोई नयी बात नहीं है. महीने-दो महीने पर नगर पर्षद के सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले ही जाते है. ज्ञात हो कि औरंगाबाद शहरी इलाके से हर दिन 25 से 30 टन कचरा निकलता है, लेकिन तीन दिनों से उन कचरों को ढोने वाला कोई नहीं है. तीन दिन से नगर पर्षद के सफाई कर्मी मजदूरी बढ़ाने को लेकर हड़ताल पर है. वर्तमान में उन्हें 370 रुपये प्रतिदिन की दर से मजदूरी का भुगतान होता है, लेकिन वे अब 500 रुपये मजदूरी करने की मांग कर रहे है. ज्ञात हो कि दो माह पहले भी चार दिनों तक सफाई कर्मियों ने मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल किया था. उस वक्त उन्हें आश्वस्त किया गया था कि उनकी मांगों पर जल्द विचार किया गया. सफाई कर्मियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर हड़ताल की धमकी दी थी और हुआ भी वहीं. न तो सफाई कर्मियों की मजदूरी बढ़ायी गयी और न उनकी मांगों पर विचार किया गया. ऐसे में मजदूर एक बार फिर हड़ताल पर चले गये हैं. पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से शहर के सड़कों पर फैले कचरे पानी में तैर रहे है. दो शिफ्टों में होने वाली सफाई अब कर्मियों की हड़ताल से बाधित हो गयी है. मुख्य बाजार पथ, महाराजगंज रोड, नावाडीह रोड, शाहपुर रोड, टिकरी रोड से लेकर मुहल्लों की तमाम सड़कों पर कचरों का अंबार लगा है. सफाई कर्मियों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे. घर-घर कचरा उठाव करने वाले सफाई कर्मी मुहल्लों में नहीं जा पा रहे है. ऐसे में घरों का कचरा या तो सड़क पर पड़ा हुआ है या गली में. इसे देखने वाला कोई नहीं है. घरों के लोगों को यह मालूम नहीं कि सफाई कर्मी हड़ताल पर है. स्थिति पूरी तरह विकराल हो गयी है. पता चला कि सफाई व्यवस्था पर हर महीने लगभग 40 लाख रुपये खर्च किये जाते है. साफ-सफाई की जिम्मेवारी संभालने वाले आउटसोर्सिंग के महेश तिवारी ने बताया कि मजदूरों को टीए-डीए लेकर 419 रुपये दिया जाता है. उन लोगों से बातचीत की जा रही है. सफाई कर्मियों की हड़ताल से परेशानी हो रही है. उनसे बातचीत की जा रही है. बहुत जल्द वे अपने काम पर लौट जायेंगे. इधर, नगर पर्षद के मुख्य पार्षद उदय कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकार मजदूरों को 370 रुपया दे रही है, जबकि सफाई कर्मियों की मांग है कि उन्हें 500 रुपये मिलना चाहिए. जल्द मजदूर सफाई कार्य पर लग जायेंगे. अजीत कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
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