Bihar Naxalite News: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का एरिया कमांडर बिहारी रवानी उर्फ श्याम बिहारी चंद्रवंशी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस को 17 साल से उसकी तलाश थी. वह 17 मामलों में शामिल था. पकड़े जाने पर उसने सभी वारदातों में शामिल होने की बात कबूल की. इस बात की जानकारी सोमवार को औरंगाबाद एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने दी.
ईंट भट्ठा मालिक के बेटे को दी थी धमकी
एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि इसी वर्ष चार जून की रात हथियार से लैस नौ नक्सली रफीगंज थाना क्षेत्र के पोगर गांव स्थित उषा ईंट भट्ठा पर पहुंचे और भट्ठा मालिक के पुत्र, कर्मचारी व जेसीबी चालक के साथ मारपीट कर लेवी मांगने की धमकी दी. इसके बाद भट्ठा पर स्थित जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया. जाते समय सभी को जान से मारने की धमकी भी दी. इस मामले में भट्ठा मालिक के लिखित आवेदन के आधार पर कांड संख्या 216/24 दर्ज किया गया था. इसमें सात नक्सलियों को नामजद व दो अज्ञात नक्सलियों को आरोपी बनाया गया था.
एसटीएफ के साथ गठित एसआईटी ने की गिरफ्तारी
नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ टू के नेतृत्व में रफीगंज थानाध्यक्ष एवं अन्य थाना के पुलिस कर्मियों और एसटीएफ के साथ एसआईटी टीम का गठन किया गया था. गठित टीम को सूचना मिली कि नक्सली चंदौल गांव के आसपास घूम रहे हैं. गठित टीम ने चंदौल के पास से गोह प्रखंड के जुझारपुर गांव निवासी एक लाख के इनामी नक्सली बिहारी रवानी उर्फ श्याम बिहारी चंद्रवंशी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपने साथियों के साथ कई घटनाओं को अंजाम देने की बात बताई.
संगठन के लिए करता था पैसों की व्यवस्था
एसपी ने कहा कि गिरफ्तार बिहारी रवानी ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह संगठन के लिए लंबे समय से कार्य कर रहा था. संगठन के लिए पैसों की व्यवस्था करने के लिए अपने क्षेत्र में स्थित ईंट भट्ठा, सड़क निर्माण कंपनी व अन्य कंपनियों से वह लेवी वसूल करता था. संगठन के लोग काफी समय से उषा ईंट भट्ठा के मालिक से लेवी की मांग कर रहे थे,लेकिन वह पैसों का भुगतान नहीं कर रहा था.
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दहशत फैलाने के लिए जलाई थी जेसीबी, मालिक व मैनेजर को था उठाना
इस वजह से योजना बनायी गयी कि ईंट भट्ठा पर चलकर मालिक सत्येंद्र यादव एवं मैनेजर को उठा लिया जाए, ताकि क्षेत्र में दहशत फैल जाए और लोग आसानी से पैसा देने लगे. योजना के अनुसार छह सहयोगियों के साथ चार जून की रात एक बजे भट्ठा पर गया, लेकिन वहां मैनेजर व मालिक गायब थे. इसके बाद कर्मियों को धमकी देकर जेसीबी मशीन को जला दिया. बिहारी ने यह भी बताया है कि संगठन के पास का सारा हथियार चाहे वह कट्टा हो, बुलेट या एसएलआर आदि सुभाष यादव के पास जमा रहता है. किसी कार्रवाई को अंजाम देना होता है तो हथियार का वितरण किया जाता है.
इन थानों में दर्ज है मामला
एसपी ने बताया कि बिहारी रवानी के विरूद्ध गोह थाना में तीन, सलैया थाना में तीन, रफीगंज थाना में दो, पौथू थाना में एक, सिरदला थाना में एक और मुफस्सिल गया, कोडरमा तथा मदनपुर थाना में उसके खिलाफ मामले दर्ज है. 2007 में इसके खिलाफ गोह थाना में पहली प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. छापेमारी टीम में सदर एसडीपीओ दो अमित कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक गुफरान अली, सिपाही अमरजीत कुमार, अजीत कुमार, पंकज पाल के अलावे एसटीएफ और एआरजी की टीम शामिल थी.