मदनपुर. 19 अप्रैल को प्रथम चरण में औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र का मतदान होगा. इसे लेकर चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहे हैं और नेता अपने पक्ष में वोट के लिए मतदाताओं को लुभाते नजर आ रहे हैं. ठीक दूसरी तरफ प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत के बादम गांव के लोगों ने इस बार वोट बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. लोगों ने गांव के बूथ को जुडाही मध्य विद्यालय में शिफ्ट करने को लेकर शुक्रवार को प्रदर्शन किया और चेतावनी दी की बूथ नहीं तो वोट नहीं. ग्रामीण महेश सिंह भोक्ता, रविंद्र मांझी, टुनटुन कुमार, लक्ष्मण सिंह भोक्ता, रामजी सिंह भोक्ता, सत्येंद्र रिकीयासान, संजय भुइंया, मुनिया देवी, मीना देवी सहित प्रदर्शन कर रहे अन्य ग्रामीणों का कहना था कि पिछले 30 वर्षों से वे लोग गांव में ही प्राथमिक विद्यालय में वोटिंग करते आ रहे है. 2019 लोकसभा और 2020 विधानसभा चुनाव से बूथ मध्य विद्यालय जुडाही में शिफ्ट कर दिया गया, जिसका वे विरोध कर रहे हैं. एक बार फिर से गांव में ही बूथ बनाने की उनकी मांग हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी कि अगर उनके गांव में बूथ नहीं बना तो लोग 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव में वोटिंग नहीं करेंगे. गांव वालों का कहना है कि गांव में ही मतदान केंद्र बनाया जाये, ताकि उन्हें वोट डालने के लिए दूसरे गांव में नहीं जाना पड़े. लोगों ने साफ चेतावनी दी कि अगर इस गांव में बूथ नहीं बनता है तो गांव के सभी लोग वोटिंग का बहिष्कार करेंगे. इस गांव के बूथ पर बादम नावाबांध, बाबूबांध गांव के 877 मतदाता है. ग्रामीणों का आरोप है कि इनका मतदान केंद्र गांव से लगभग तीन किलोमीटर दूर है. ऐसे में महिलाएं और बुजुर्ग केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं और अपने मतदान के अधिकार से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में उनकी मांग है कि उनका मतदान केंद्र संख्या 364 को उनके गांव के विद्यालय में यथावत रखा जाये. बीडीओ कुमुद रंजन ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर बूथ को जुडाही मध्य विद्यालय में शिफ्ट किया गया है.
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बूथ नहीं तो वोट नहीं : बादाम के ग्रामीणों ने दिया अल्टीमेटम, किया प्रदर्शन
लोगों ने बूथ को जुडाही मध्य विद्यालय में शिफ्ट करने पर जताया विरोध
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