PM Modi In Bihar: पीएम नरेंद्र मोदी नौ साल के बाद फिर एकबार भगवान भास्कर की नगरी औरंगाबाद आ रहे हैं. मोदी की गारंटी और मोदी है तो मुमकिन है जैसे नारे लोगों की जुबान पर है. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास भी बढ़ा है. यही वजह है कि औरंगाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से लोगों को काफी उम्मीदें जुड़ गयी है. जेहन में बस यही है कि पीएम मोदी आयेंगे और सौगात लायेंगे. विकास को रफ्तार देने की गारंटी मिलेगी. वैसे शनिवार को प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए औरंगाबाद तैयार है. शायद लोगों की आशाएं इसलिए भी ज्यादा है कि चुनावी समर है और औरंगाबाद में नौ साल के बाद प्रधानमंत्री आ रहे हैं. ऐसे में लोगों की नजरें उनके तरफ से होने वाली घोषणाओं पर होगी.
पीएम मोदी से औरंगाबाद को उम्मीदें..
लोगों को पूरी उम्मीद है कि जिले को कोई बड़ी सौगात मिले. वैसे स्थानीय लोगों की कई मांगें हैं. इसमें जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, औरंगाबाद-बिहटा रेल लाइन, उत्तर कोयल नहर में फाटक लगाने, ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था, एक्सप्रेस वे का शीघ्र निर्माण आदि शामिल है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि पीएम यहां से प्रदेश की 21 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ करेंगे.
छह लाख स्क्वायर फुट में बना पंडाल
भाजपा का दावा है कि औरंगाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में जनसैलाब उमड़ेगा. प्रधानमंत्री की जनसभा को लेकर अलग ही माहौल दिख रहा है. समर्थकों और एनडीए के सभी घटक दलों के कार्यकर्ताओं से लेकर आमलोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. रतनुआ के समीप छह लाख स्क्वायर फुट में प्रधानमंत्री की सभा के लिए पंडाल बना है. पंडाल में तकरीबन ढाई लाख से अधिक लोगों की बैठने की क्षमता है. सुरक्षा का खास ख्याल रखते हुए मानक के अनुरूप प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए पंडाल बनाया गया है और सारी व्यवस्था की गयी है. अतिथियों के हिसाब से बैरिकेडिंग करते हुए बैठने की व्यवस्था है.
केवल VIP प्रवेश के लिए परिचय पत्र जरूरी..
जनसभा में वीआइपी प्रवेश के लिए परिचय पत्र की भी जरूरत पड़ेगी. हालांकि, दर्शक दीर्घा के लिए किसी भी तरह की पास की आवश्यकता नहीं है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था रहेगी और कार्यक्रम स्थल एसपीजी के हवाले रहेगा. अधिकारी हों या फिर पार्टी के लोग. सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गयी है और स्थान निर्धारित किया गया है.
मेडिकल कॉलेज व बिहटा रेल लाइन परियोजना की मांग
औरंगाबाद जिले में मेडिकल कॉलेज नहीं है. इस वजह से बीमारी का सामना करने वाले लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ता है. पहले मेडिकल कॉलेज खोले जाने की चर्चा चली थी, लेकिन उस पर विराम लग गया. एक समय ऐसा लगा कि जल्द ही औरंगाबाद में मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा. अब प्रधानमंत्री से उम्मीदें एक बार फिर जिंदा हो गयी है. दूसरी बड़ी बात यह है कि औरंगाबाद-बिहटा रेल परियोजना को लेकर भी लोग प्रधानमंत्री की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं.
कुटकू डैम की फाटक व उत्तर कोयल परियोजना भी जिले की मांग
कुटकू डैम की फाटक व उत्तर कोयल परियोजना औरंगाबाद जिले के लिए एक बड़ी मांग है. सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की राशि की स्वीकृति भी दी गयी है, लेकिन कहीं न कहीं कुटकू डैम में फाटक लगाने का काम नहीं हो सका. ऐसे में आम लोगों की उम्मीदें है कि शायद प्रधानमंत्री कुटकू डैम पर कुछ घोषणा करें.