तीन लाख का इनामी सब जोनल कमांडर राजेंद्र सिंह हथियार के साथ गिरफ्तार
21 मामलों में बिहार व झारखंड की पुलिस कर रही थी तलाश,15 वर्षों से था फरार
औरंगाबाद कार्यालय. बिहार-झारखंड सहित अन्य प्रदेशों के मामलों में पिछले 15 वर्षों से फरार कुख्यात नक्सली व तीन लाख का इनामी सब जोनल कमांडर राजेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इसके खिलाफ बिहार-झारखंड में 21 मामले दर्ज है. अन्य मामलों की पुलिस पड़ताल कर रही है. यह पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. इस कार्रवाई के दौरान दो कट्टा, एक मोबाइल व 13 कारतूस बरामद किया गया है. यही नहीं इसके साथ नक्सली विजय पासवान भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. शुक्रवार की शाम प्रेसवार्ता में एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने गिरफ्तारी व बरामदगी से संबंधित जानकारी साझा की. एसपी ने बताया कि विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि भाकपा माओवादी संगठन के सब जोनल कमांडर व माली थाना क्षेत्र के सोरी गांव निवासी राजेंद्र सिंह माली थाना क्षेत्र के ही बेला खैरा गांव में छिपा है. उनके और एसएसबी 29वीं वाहिनी गया के कमांडेंट के निर्देश पर सहायक कमांडेंट धर्मेंद्र सिंह एवं माली थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में संयुक्त टीम का गठन किया गया. इसमें एसएसबी और जिला पुलिस के जवानों को शामिल कर बेला खैरा गांव स्थित लूटन सिंह के घर की घेराबंदी कर छापेमारी की गयी. इस क्रम में सब जोनल कमांडर राजेंद्र सिंह और बेला खैरा गांव के नक्सली विजय पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों के पास से दो कट्टा, 13 जिंदा और एक मोबाइल बरामद किया गया है. एसपी ने बताया कि राजेंद्र सिंह के ऊपर बिहार सरकार द्वारा तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उसके विरुद्ध औरंगाबाद जिले में 11 मामले, गया जिले में पांच व झारखंड के छतरपुर में पांच मामले दर्ज है. इसके अतिरिक्त उसके विरुद्ध दर्ज अन्य कांडों का विवरण निकाला जा रहा है. दोनों नक्सलियों के विरुद्ध माली थाना में कांड संख्या 146/24 दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. प्रेस वार्ता में एसपी के अलावा एसएसबी के अधिकारी द्विवेश, धर्मेंद्र सिंह,एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय और माली थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह उपस्थित थे. भाकपा माओवादी संगठन के कुख्यात नक्सली राजेंद्र सिंह की संगठन में गहरी पैठ थी. कई बड़े नक्सल घटनाओं में वह शामिल रहा है. बिहार-झारखंड के साथ-साथ अन्य प्रदेशों की पुलिस भी उसकी तलाश में लगी थी. वह दो बार जेल की हवा भी खा चुका है. वर्ष 2009 से वह फरार चल रहा था. कई बार उसके ठिकानों पर पुलिस ने छापेमारी की, लेकिन हर बार वह बचकर निकलता रहा. उसके खिलाफ गया जिले के आमस में दो, डुमरिया में एक, रौशनगंज में एक, लुटुआ में एक, औरंगाबाद के माली थाना में दो, देव थाना में दो, मदनपुर में छह, टंडवा थाना में एक, छतरपुर में दो, पिपरा में एक, हैदरनगर में एक मामले दर्ज है. एसपी ने बताया कि उसके खिलाफ तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. औरंगाबाद पुलिस के लिए चुनौती बने नक्सलियों पर औरंगाबाद एसपी के प्रस्ताव पर बिहार सरकार द्वारा पांच कुख्यात नक्सलियों के खिलाफ तीन-तीन लाख का इनाम घोषित किया गया था. राजेंद्र सिंह के अलावे गया जिले के मैगरा थाना क्षेत्र के तरवाडीह गांव निवासी नंदलाल यादव उर्फ नितेश जी उर्फ इरफान जी पर तीन लाख रुपये घोषित किये गये है. इसके खिलाफ 27 मामले दर्ज है. गया जिले के ही कोठी थाना क्षेत्र के कनरगढ़ टोला समाथ गांव निवासी राजेंद्र यादव उर्फ विवेक यादव उर्फ सुनील यादव पर तीन लाख, औरंगाबाद जिले के एनटीपीसी खैरा थाना क्षेत्र के सलवा गांव निवासी सीताराम रजवार और झारखंड के छतरपुर थाना क्षेत्र के देवगंज गांव निवासी संजय यादव उर्फ गोदराई के विरुद्ध भी तीन लाख रुपये इनाम की घोषणा सरकार द्वारा की गयी है. इन सभी नक्सलियों की तलाश औरंगाबाद पुलिस कर रही है. कुछ नक्सलियों पर पूर्व से भी पुरस्कार घोषित है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है