24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमीन संबंधित आवश्यक कागजातों को लेकर ऊहा पोह में रैयत

विभिन्न प्रखंडों में भूमि विशेष सर्वेक्षण कार्य शुरू, पंचायतो में हो रही आमसभा

औरंगाबाद/कुटुंबा. औरंगाबाद जिला के विभिन्न प्रखंडों में विशेष भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है. इसके लिए पंचायतों में बारी-बारी से आम सभा आयोजित कर खेतिहरों को सर्वे प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है. हालांकि, भूमि सर्वे को लेकर किसानों के मन में कई सवाल उठ रहे है. उन्हें इसके लिए कब कौन सा फार्म भरना होगा, कौन से कागजात जरूरी है. सर्वे टीम का क्या-क्या दस्तावेज दिखाना होगा, इसके लिए कौन-कौन से कागजात तैयार रखना होगा. स्व घोषणापत्र जमा करने के दौरान किस तरह का पेपर सक्षम पदाधिकारी और कर्मी के पास प्रस्तुत करने होंगे. वर्तमान में किसानों को समझ में नहीं आ रही है. इस बात को लेकर कृषक वर्ग काफी चितिंत है. हालांकि सभा में सर्वेयर टीम द्वारा उन्हें जानकारी दी जा रही है. संबंधित विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सरकार भूमि संबंधित विवादों को निबटारे के लिए सर्वे करा रही है. दरअसल, जमीन के सर्वे शुरू होने से कागजातो की खोजबीन अचानक बढ़ गई है. किसान नक्शा, खतियान, केवाला जमाबंदी रसीद, वंदोवस्त पेपर, रेंट फिक्सेशन पेपर और रिटर्न आदि सर्टिफाइड कागजातों के लिए समाहरणालय अभिलेखागार और रजिस्ट्ररी ऑफिस में भटक रहे है. सर्वे के दौरान किन-किन तरह की कागजातों की जरूरत पड़ेगी, किसानों में उहा-पोह की स्थिति बनी हुई है. जानकारी के अनुसार मृतक जमाबंदी रैयत की मृत्यु तिथि, मालगुजारी रसीद, खतियान का नकल भूमि से संबंधित दस्तावेजों की विवरणी, अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो तो, उसकी सच्ची प्रतिलिपी, मृतक के वारिस के संबंध में प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वोटर आइ कार्ड व मोबाइल फोन नंबर आदि शामिल है. भूमि विशेष सर्वेक्षण कार्य के लिए अमीन, कानूनगो और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी आदि को सरकारी स्तर पर लगाया गया है. एसओ स्नेह रंजन ने बताया कि सर्वे के दौरान किसानों को मुख्य रूप से जमीन की रसीद, केवाला के सर्टिफाइड कॉपी, खाता खतियान आदि की जरूरत है. आवेदन सर्वे ट्रैक नाम के एक से की जा सकती है. घोषणा और वंशावली ऑनलाइन अपलोड करनी है. वैसै किसानों से ऑफलाइन की भी व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि किस्तवार और खानापूरी के समय किसानों को यथासंभव अपने जमीन पर रहना जरूरी है. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान प्रपत्र सात मिलने पर किसान उसे ठीक से जांच ले. अगर त्रुटि रह गई है, तो प्रपत्र आठ में आपत्ति दे सकते हैं. वांछित सुधार नहीं होने की स्थिति में चैनल बाई चैनल प्रपत्र 14 में आपत्ति देगे. सुधार के बाद प्रपत्र 20 से भी अगर रैयत असंतुष्ट है तो सुनवाई के लिए प्रपत्र 21 के तहत बंदोबस्त पदाधिकारी के समक्ष वाद दायर कर सकते है. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान रिवीजनल सर्वे और चकबंदी के दस्तावेजों को आधार नहीं बनाया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें