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खंडहर भवन में चल रहा उच्च विद्यालय सलैया

प्रधानाध्यापिका ने संसाधन के लिए लगायी गुहार

By Prabhat Khabar News Desk | August 29, 2024 10:09 PM

नवीनगर. सरकारी विद्यालयों को सुदृढ़ करने और बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार लगातार प्रयास कर रही है. पढ़ाई के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाये जा रहे है. सच कहा जाये तो पानी की तरह पैसे बहाये जा रहे है. इसे बाद भी सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था में सुधार होता नहीं दिख रहा है. बहुत से विद्यालय ऐसे है, जहां भवन का अभाव है. जैसे-तैसे बच्चों की पढ़ाई करायी जा रही है. कुछ विद्यालय ऐसे भी है जो पुराने व जर्जर भवन में संचालित हो रहे है. एक-एक कमरों में तीन से चार कक्षाओं का संचालन होना कुव्यवस्था को दर्शाता है. उदाहरण के तौर पर प्लस टू राजकीयकृत जनता उच्च विद्यालय सलैया को देखा जा सकता है. इस विद्यालय के भवन को देखने से पता चलता है कि या तो कक्षा का संचालन खंडहर में हो रहा है या खंडहर में स्कूल चल रहा है. आश्चर्य की बात तो यह है कि विद्यालय की पांच एकड़ 33 डिसमिल अपनी जमीन भी है. यहां नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई करायी जाती है. यहां नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 650 है. जबकि, कमरे मात्र पांच है. इसमें तीन कमरे में वर्ग का संचालन होता है. एक कक्ष में स्मार्ट क्लास और दूसरे में जिम खाना है. कमरे के अभाव में शिक्षण कार्य एक तरह से बाधित है. प्लस टू राजकीयकृत जनता उच्च विद्यालय सलैया की प्रधानाध्यापिका रेहाना खातून ने विद्यालय की जर्जर स्थिति के साथ-साथ संसाधन उपलब्ध कराये जाने से संबंधित एक पत्र सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ को लिखकर ध्यान आकृष्ट कराया है. कहा है कि नौवीं से 12वीं तक की कक्षा में 650 छात्र-छात्राएं नामांकित है. भवन के अभाव में परेशानी हो रही है. विद्यालय की अपनी भूमि पांच एकड़ 33 डिसमिल है. एक तरफ से चहारदीवारी है, जबकि तीन तरफ से खुला हुआ है. गांव के मवेशी उसमें घूमते रहते है. मात्र एक चापाकल पेयजल सुविधा के लिए है. प्रधानाध्यापिका ने आठ नये वर्ग कक्ष का निर्माण, पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला कक्ष, पानी पीने के लिए समरसेबल, ओवर हेड टैंक, आरओ मशीन एवं विद्यालय की तीन तरफ से चहारदीवारी निर्माण की मांग की है.

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