20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खून का रिश्ता जोड़कर लोगों की बचा रहे जान

विश्व रक्तदान दिवस आज: करें रक्तदान, दें जीवनदान

शुभाशीष पांडेय, औरंगाबाद रक्त की एक-एक बूंद अनमोल है. रक्तदान ऐसा दान है जो अनजान लोगों से गहरे और मजबूत रिश्ते बना देता है. सही वक्त पर आये लोग कभी-कभी जिंदगी को अनमोल बना कर चले जाते हैं और अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं. आज विश्व रक्तदान दिवस है. आइये हम आपको बताते हैं जिले के कई ऐसे युवा रक्तदाताओं के बारे में जो हर बार रक्तदान कर दूसरों के जीवन में रंग भरते हैं. ये रक्तदाता अबतक दर्जनों बार रक्तदान कर चुके है. सही मायने में ऐसे ही लोगों के दम पर मानवता जीवित है. इन युवाओं का सीधा संदेश है कि रक्तदान करने से कोई व्याधि नहीं होती, अगर कोई ऐसा सोचता है तो गलत है. हम सभी को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए. रक्तदान करने से हम कई जिंदगियां बचा सकते हैं. धरती के भगवान ने किया है 35 बार रक्तदान चिकित्सकों को धरती का भगवान कहा जाता है. जिले के दाउदनगर के डॉ विमलेंदु विमल ने अब तक 35 बार स्वयं रक्तदान कर लोगों की जान बचाई है. वह खुद डॉक्टर होने के साथ 35 बार रक्तदान कर चुके हैं और हजारों लोगों को नया जीवन दिया है. एक बार उनके क्लीनिक में ओबरा की एक महिला इलाज के लिए पहुंची. महिला के शरीर में रक्त की काफी कमी थी. ऐसे में डॉक्टर साहब ने पहले रक्तदान कर महिला को रक्त चढ़ाया और फिर समुचित इलाज कर उसकी जान बचायी. वे लगातार कई अवसरों पर मानवता की मिसाल बनकर नजीर पेश करते हैं. 19 बार रक्तदान कर चुके हैं निलोत्तम जिले के ओबरा प्रखंड के कारा निवासी 27 वर्षीय निलोत्तम कुमार सिंह अब तक 19 बार स्वयं रक्तदान कर चुके हैं. निलोत्तम समाजसेवा के क्षेत्र में लोगों के बीच काफी सक्रिय रहते हैं और जिन लोगों को रक्त की जरूरत होती है उन्हें सबसे पहले आगे बढ़कर रक्त उपलब्ध कराते हैं. अब तक निलोत्तम ने रक्त का इंतजाम कर हजारों लोगों की जान बचाई है. वे हरपल सच्चे रक्तवीर की भूमिका में लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं. सल्लू लोगों की जान बचाने को रहते हैं तैनात औरंगाबाद के शहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान हर अवसर पर मानवता की मिसाल पेश करते हैं. वे लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं. सल्लू ने अब तक 39 बार स्वयं रक्तदान किया है और हजारों लोगों को रक्त दिलाकर उनकी जान बचाई है. सल्लू सदर अस्पताल में जरूरतमंदों के लिए हमेशा तैनात रहते हैं. जब भी किसी को जरूरत होती है सल्लू तुरंत उनकी सहायता के लिए अपना हाथ आगे बढ़ते हैं. उनकी हर जगह सराहना होती है. अजीत चंद्रा ने बचायी है सैकड़ों लोगों की जान शहर के जाने-माने व्यवसायी, समाजसेवी अजीत चंद्रा किसी परिचय के मोहताज नहीं है. सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें हर कोई जानता है. अजीत अब तक 16 बार स्वयं रक्तदान कर चुके हैं और सैकड़ो लोगों को रक्त मुहैया भी कर चुके हैं. उनके पास जब भी रक्त की जरूर की खबर पहुंचती है तो वह स्वयं या फिर अपने लोगों की सहायता से जरूरतमंद को हर संभव रक्त मुहैया करते हैं.किसी को निराश नहीं होने देते हैं. ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर राहुल बचाते हैं जान समाजसेवी व रक्तवीर राहुल राज हमेशा रक्तदान के क्षेत्र में अग्रसर रहते हैं. वह अब तक स्वयं 18 बार रक्तदान कर चुके हैं और न जाने रक्त दिलाकर कितनी जिंदगी बचा चुके हैं. राहुल समय-समय पर ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन कर दर्जनों लोगों से रक्त दान करवाते हैं. उनके इस पहल की पूरे शहर में सराहना होती है. अब तक राहुल हजारों लोगों को नई जिंदगी दे चुके हैं. उनसे प्रेरित होकर कई नवयुवक रक्तदान के क्षेत्र में आगे आए हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें