स्वीकृति मिली, पर नहीं बना अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास
डेढ़ दशक से किराये पर रहने को विवश हैं छात्र
दाउदनगर. लगभग डेढ़ दशक से दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में राजकीय अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास खोलवाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक छात्रावास नहीं बन पाया है. इसके निर्माण के लिए सरकार द्वारा राशि का आवंटन भी नहीं किया गया है. सूत्रों से पता चला कि छात्रावास के लिए राष्ट्रीय इंटर स्कूल के स्टेडियम के पीछे की जमीन को चिह्नित किया गया है. करीब एक एकड़ जमीन है. यहां 100 बेड का छात्रावास बनाये जाने की योजना अभी फाइलों में ही है. हालांकि, इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. जदयू नेता विजय पासवान ने बताया कि 2007 से ही वे दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में राजकीय अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास की स्थापना कराने के लिए संबंधित विभागों के कार्यालय के दौड़ लगा रहे है, लेकिन अभी तक सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. सूत्रों से पता चला कि सरकारी स्तर पर प्रखंडों में बाबू जगजीवन राम छात्रावास, राजकीय कल्याण छात्रावास, डॉ भीम राव आंबेडकर आवासीय विद्यालय खोले जाने की योजना है. इसके लिए अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों में जमीन की तलाश भी की जा रही है. पिछले वर्ष एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत अनुमंडल स्तरीय सतर्कता अनुश्रवण समिति की बैठक में भी यह मामला उठाया गया था. दाउदनगर में छात्रावास का अभाव दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय शैक्षणिक हब बनता जा रहा है. इस अनुमंडल से मैट्रिक व इंटर की परीक्षाओं में प्रतिभाएं निकलकर आ रही है. बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए बाहर जाना हर किसी के वश की बात नहीं है. इसलिए लोग अनुमंडल मुख्यालय में ही रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन छात्रावास के अभाव में उन्हें किराये का मकान लेकर रहना पड़ता है, जो हर किसी के लिए संभव नहीं है. पता चला कि बाबू जगजीवन राम व राजकीय कल्याण छात्रावास का उद्देश्य मीडिल स्कूल, उच्च माध्यमिक स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में अध्ययनरत अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे छात्रावास में रहकर अपनी पढ़ाई कर सकें. इससे अनुसूचित जाति की एक बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा.
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