जीवन जीने की कला सीखाती है श्री रामचरितमानस
मानस माधुरी सुनीता पांडेय ने भगवान श्रीराम की बाल लीला का वर्णन किया
औरंगाबाद. चैत्र नवरात्र को लेकर अनुमंडल मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों तक माहौल भक्तिमय बना हुआ है. शहर के सत्संग नगर स्थित सत्संग स्थल में दिन में नवाह परायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है. श्रीरामचरितमानस की चौपाइयां गूंज रही हैं. दूसरी ओर, कांदुराम की गड़ही मुहल्ले में मिलाप पूजा समिति द्वारा चैती दुर्गा पूजा मनाया जा रहा है. सत्संग स्थल पर श्री राम कथा का प्रवचन करते हुए मानस माधुरी सुनीता पांडेय ने भगवान श्रीराम की बाल लीला का वर्णन किया. ताड़का वध और अहिल्या उद्धार की कथा सुनायी. उन्होंने कहा कि श्री रामचरितमानस के अनुसार भगवान ने चार जगह मांगा है. रामायण में और श्रीमद्भागवत उन्होंने कई बार मांगा. पहली बार भगवान श्री राम ने मां कौशल्या से मांगा. गोस्वामी तुलसीदास जी ने विनय पत्रिका में लिखा है. कवितावली के माध्यम से उन्होंने दर्शन कराया. श्री रामचरितमानस में हमें उठने बैठने तक की शिक्षा मिलती है. पिता से पहले पुत्र को जग जाना चाहिए. गुरु से पहले शिष्य को जग जाना चाहिए. मां से पहले बेटी को जग जाना चाहिए. सास से पहले बहू को जग जाना चाहिए. भगवान हमें दिनचर्या के बारे में शिक्षा देते हैं. उन्होंने कहा कि श्री राम कथा जीवन जीने की कला सिखाती है. हमें मुक्ति का मार्ग बताती है. आयोजन को सफल बनाने में यज्ञ समिति के अध्यक्ष प्रो अटल बिहारी सिंह, हनुमान मंदिर कमेटी के अध्यक्ष कुमार नरेंद्र देव, पूजा व्यवस्थापक प्रमुख पप्पू गुप्ता, राजाराम प्रसाद, रोहित कुमार, मुकुल किशोर, नाथू साव, रामजी प्रसाद समेत अन्य सदस्य भूमिका निभा रहे हैं. मनाया जा रहा चैती दुर्गा पूजा वार्ड 10 स्थित कांदुराम की गड़ही मुहल्ले में मिलाप पूजा समिति द्वारा चैती दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. पूजा स्थल पर कलश स्थापित कर नवरात्र पाठ किया जा रहा है. पूजा स्थल एवं आस-पास के इलाके में रोशनी का प्रबंध करते हुए भव्य व आकर्षक सजावट की गयी है. पूजा समिति के अध्यक्ष रणधीर कुमार ने बताया कि सप्तमी को मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और पूजा अर्चना की जायेगी. दर्शन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. चैती दुर्गा पूजा को लेकर पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है.