विनय सिंह किंकर, मदनपुर अति नक्सल प्रभावित मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी इलाके में स्थित जुड़ाही गांव के बच्चे अब क से कबूतर और ख से खौफ की जगह खुशहाल होने के गुर सीख रहे है. वैसे इस गांव ने कई दशक तक नक्सल का दंश झेला है. आसपास के गांवों में कई बड़े नक्सली हमले में भी हुए. शाम होने से पहले सन्नाटा पसर जाता था. 1983 में दलेल चक बघौरा और वर्ष 2022 में जुडाही स्थित ई पंचायत सरकार भवन को नक्सलियों द्वारा आइइडी लगाकर ध्वस्त कर दिया गया था. वैसे यह इलाका हमेशा नक्सलियों का पनागर रहा है लेकिन समय के साथ-साथ अब इस इलाके में विकास के स्वर गूंज रहे हैं. इस इलाके के लड़के हो या लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी परचम लहरा रही है. यूं कहे कि समय के साथ इस इलाके की तस्वीर भी बदलती जा रही है. ज्ञात हो कि एक दिसंबर 2009 को नक्सलियों ने मध्य विद्यालय जुड़ाही को आइइडी बम से क्षतिग्रस्त कर दिया था. उद्देश्य था कि ग्रामीणों में भय पैदा करना. वैसे कहा जाता है कि चुनाव के समय उक्त स्कूल में सुरक्षा बलों का डेरा लगा था. इससे नक्सली आक्रोश में थे. विस्फोट के बाद काफी समय तक स्कूल का संचालन नहीं हुआ. जैसे-जैसे नक्सल का खात्मा होने लगा, वैसे-वैसे गांव के बच्चे विद्यालय की ओर लौटने लगे. अब उक्त विद्यालय उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय हो गया. हालांकि, अभी भी विद्यालय के क्षतिग्रस्त कमरे पुरानी घटना की यादे ताजा कराती रहती है. आइइडी लगाने आये थे 150 नक्सली दरअसल प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय जुडाही को नक्सलियों ने जन अदालत के बाद एक भवन को ध्वस्त कर दिया था. उस समय वह भवन नया-नया बनकर दो मंजिला तैयार हुआ था. ग्रामीणों ने कहा कि करीब 150 की संख्या में नक्सली देर रात आये और उन्होंने दो से चार ग्रामीणों को बंधक बना लिया. फिर उन्हें स्कूल परिसर में लेकर गये. नक्सलियों ने आइइडी लगाकर एक कमरे को ध्वस्त कर दिया. नक्सलियों ने धमकी दी की गांव व इस इलाके का एक भी बच्चा पढ़ाई नहीं करेगा. उनका कहना था कि विद्यालय में दो मंजिला भवन बच्चों को शिक्षा के लिए नहीं बल्कि सुरक्षा बलों को ठहरने के लिए बनाया जा रहा है जिसके कारण भवन को ध्वस्त किया गया. अब हर दिन काफी संख्या में स्कूल जा रहे बच्चे वक्त बदलते के साथ ही अब इलाके की तस्वीर भी पूरी तरह से बदल गयी है. कभी नक्सली गीत गूंजा करते थे, अब स्कूल में बच्चों की पढ़ने की आवाज गूंजती है. हर रोज बड़ी संख्या में बच्चे शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं. दरअसल इस विद्यालय को अपग्रेड कर प्लस टू विद्यालय बना दिया गया है. नये भवन का भी निर्माण किया गया है. इस विद्यालय में प्रत्येक दिन समय से कक्षाएं भी चलती है. शिक्षकों ने बताया कि इस इलाके के लोगों को नक्सल के दलदल से निकलने के लिए केवल शिक्षा ही सहायक हो सकता है. इस इलाके के बच्चे अब शिक्षा ले रहे हैं जो बड़ी अच्छी बात है शिक्षकों ने बताया कि लगातार इस इलाके की बेहतरी को लेकर कई काम किये गये हैं. मदनपुर प्रखंड के इस विद्यालय की कहानी उम्मीद का सवेरा जैसा है. नक्सली विचारधारा के समर्थन को छोड़ लोग मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं प्राइमरी से अब इंटर तक का मिला दर्जा मिली जानकारी के अनुसार जुडाही में 1962 में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गयी थी. 1986 में मध्य विद्यालय में अपग्रेड किया गया. 2012 में हाई स्कूल का दर्जा मिला और 2023 में इंटर विद्यालय का दर्जा मिला. पता चला कि प्रथम वर्ग से अष्टम वर्ग तक 608 बच्चे नामांकित है जो प्रत्येक दिन विद्यालय आते हैं. नवम में 140, दशम में 143 और 11वी में 70 छात्र- छात्राओं का नामांकन है. क्या कहते हैं प्रधान शिक्षक विद्यालय के प्रधान शिक्षक अनिल दयाल यादव ने बताया कि मध्य विद्यालय में संसाधनों की कमी है. हाइ स्कूल में चार शिक्षक पद स्थापित है. वही इंटर में सात शिक्षकों की पदस्थापना है. विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों द्वार कम संसाधन के बाद भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. विद्यार्थियों की राय विद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं ने प्रभात खबर की टीम से खुलकर विचार साझा किया. अंशु कुमारी, सीमा कुमारी, प्रिया कुमारी, गुड़िया कुमारी, सम्राट कुमार आदि ने बताया कि विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. वहीं, मनदीप कुमार और आदित्य कुमार ने बताया कि विद्यालय में मिलने वाली मध्याह्न भोजन भी गुणवत्तापूर्ण रहती है. कोई परेशानी नहीं है.
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