साइबर अपराध से निबटने के लिए तकनीक से रहें अपडेट : दीपक
राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में स्टार्टअप सेल ने आयोजित की कार्यशाला
रफीगंज. राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में स्टार्टअप सेल द्वारा साइबर सुरक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ प्रशांत मणि, डॉ राय चंद्रशेखर प्रसाद, साइबर एक्सपर्ट दीपक कुमार एवं स्टार्टअप सेल इंचार्ज प्रो आनंद राज द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. प्राचार्य ने कहा कि इस डिजिटल युग में हम रोजाना कहीं न कहीं फोन कॉल, सोशल मीडिया, इमेल द्वारा साइबर अटैक का सामना करना करते हैं. इसलिए साइबर सिक्योरिटी की महत्ता को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते. मुख्य अतिथि साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार ने साइबर क्राइम एवं डिजिटल एविडेंस की विस्तृत जानकारी दी. साइबर अपराध अनुसंधान विषय व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा कि अपराधी सोशल मीडिया को हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं. यह देखते हुए जरूरी हो जाता है कि जन सामान्य भी तकनीक के मामले में उसी रफ्तार से अपने आप को मजबूत और तरो ताजा करें. साइबर अपराधी और आतंकवादी तकनीक के मामले में अपडेट हो चुके हैं मोबाइल फोन में बिना सिम कार्ड, वाई-फाई व हॉटस्पॉट के रेडियो सिग्नल से मैसेज करते हैं. वे जीपीएस का प्रयोग भी करते हैं उन्होंने फर्जी सोशल अकाउंट बंद करने, मोबाइल फोन नंबर और इंटरनेट से जुड़े साक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज जिस तेजी से टेक्नोलॉजी बढ़ रही है. ठीक वैसे ही क्रिमिनल भी खुद को अपडेट कर रहा है. ऐसे में हर रोज नयी टेक्नोलॉजी से रूबरू होते हुए खुद को अपडेट रखना होगा. साइबर अपराधी सोशल मीडिया को हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं. उन्होंने फर्जी एकाउंट बंद करने मोबाइल फोन नंबर और इंटरनेट से जुड़े साक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी. छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध से निबटने के तरीके बताएं. उन्होंने कहा कि हम रोजाना जो कुछ देखते हैं, उसमें ही सर्च करते हैं.साइबर अपराधी मोबाइल फोन में वे कैलकुलेटर का प्रयोग मैसेंजर की तरह करते हैं. उन्होंने वह तरीका भी बताए, जिससे डिजिटल डिवाइस से छिपे साक्ष्य व हटाए गए उत्तर से एविडेंस कैसे दोबारा प्राप्त किया जा सकता है.बैंकिंग फ्रॉड होने पर बचने की भी जानकारी दी . इससे पहले प्राचार्य ने दीपक कुमार का मोमेंटों देकर स्वागत किया.
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