इंजीनियरिंग कॉलेज का लाखों रुपये उड़ाने वाला आइटी का छात्र दुर्गापुर से गिरफ्तार
लखीसराय का था रहने वाला, आधे दर्जन मोबाइल व कई एटीएम कार्ड बरामद
औरंगाबाद ग्रामीण. औरंगाबाद की साइबर थाने पुलिस को लगातार उपलब्धि हासिल हो रही है. साइबर क्राइम या यूं कहे फ्रॉड करने वाले लगातार पकड़े जा रहे है. एक बार फिर साइबर थाने को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. सीतयोग इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोजेक्ट लगाने के नाम पर पांच लाख 60 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने वाले शातिर को बंगाल के दुर्गापुर से गिरफ्तार किया गया है. वैसे शातिर की पहचान लखीसराय जिले के नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत इंगलिश निवासी रामकुमार झा के 27 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार उर्फ बब्लू के रूप में हुई है. शातिर बब्लू तिलकमांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है और पटना एनआइटी से आइटी कर रहा है. गिरफ्तारी से संबंधित जानकारी साझा करते हुए साइबर डीएसपी डॉ अनु कुमारी ने बताया कि चार अगस्त 2023 को औरंगाबाद शहर स्थित सीतयोग इंजीनियरिंग कॉलेज के सचिव राजेश कुमार सिंह द्वारा जानकारी दी गयी थी कि कॉलेज में एचसीएल एग्जाम सेंटर स्थापित करने और कंपनी का प्रोजेक्ट लगाने के नाम पर उनसे 560600 रुपये की धोखाधड़ी की गयी. इस मामले से संबंधित प्राथमिकी साइबर थाने में 11/23 के रूप में दर्ज की गयी. इसके बाद मामले की अनुसंधान शुरू हुई. इसी बीच 23 मई 2024 को उक्त कांड से संबंधित अभियुक्त द्वारा पीड़ित के निजी मोबाइल पर संपर्क किया गया. पीड़ित द्वारा इसकी सूचना उन्हें दी गयी. औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम के निर्देश पर उनके नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया. टावर लोकेशन, मोबाइल नंबरों का एसडीआर व सीडीआर, स्मार्ट रिपोर्ट आदि के आधार पर कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी अभियुक्त को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से गिरफ्तार किया गया. जिसकी पहचान राकेश कुमार के रूप में हुई. लखीसराय के राकेश का ससुराल दुर्गापुर में ही था. कई एटीएम, लैपटॉप व मोबाइल बरामद साइबर डीएसपी डॉ अनु कुमारी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त के पास से एक लैपटॉप, तीन आइ फोन, दो अन्य मोबाइल फोन, अलग-अलग बैंकों का एटीएम कार्ड और फेंक आइडी कार्ड भी बरामद हुआ है. गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध एनसीआरपी पोर्टल पर कई शिकायतें दर्ज है. बरामद सामग्रियों की जांच पड़ताल से पता चला कि राकेश कुमार उर्फ बब्लू साइबर क्राइम करता था. फेक डिलिवरी ब्वॉय स्कैम के साथ-साथ नकली साइबर पुलिस ऑफिसर के रूप में स्कैम में संलिप्त था. इसके लैपटॉस से मैलीसीएस एप्स, विभिन्न लोगों के बैंक खाते से जुड़े डाटा बेस, कई फेंक इमेल आइडी, विभिन्न जिलों के साइबर क्राइम से संबंधित एफआइआर का डेटा बेस मिला है. गिरफ्तार अभियुक्त बेहद शातिर है. इसकी गिरफ्तारी के बाद साइबर से संबंधित कई खुलासे हुए है. छापेमारी में रिसियप थानाध्यक्ष सुनील कुमार, सिपाही राहुल कुमार, सुनील कुमार राय, राजु कुमार के साथ-साथ तकनीकी शाखा की टीम शामिल थी.
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