अनंत शक्ति, उत्साह, साहस व धैर्य से संकल्प होगा पूरा : डॉ शंभू

आत्मोदय अभियान में पौधारोपण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य चेतना व स्वच्छता के प्रति किया जागरूक

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2024 10:04 PM

दाउदनगर. विवेकानंद मिशन स्कूल में स्वामी विवेकानंद की पुण्य तिथि पर सद्भावना परिसर में रजत जयंती मनाया गया. संस्था के प्रबंधक सुनील कुमार सिंह, प्राचार्या कुमारी प्रिया आलोक, विवेकानंद ब्रिगेड पदाधिकारी लोकेश पांडेय, पुस्तकालय प्रभारी व संगीत शिक्षक ब्रजेश कुमार आदि ने स्वामी विवेकानंद की तैल प्रतिमा पर माल्यार्पण, धूप-दीप से आरती कर पुष्पांजलि अर्पित की. सभा में उपस्थित छात्र-छात्राओं ने भारत के युवा पथप्रदर्शक, योद्धा संन्यासी का जयकार कर उनका अभिनन्दन-वंदन किया. प्रबंधक ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व को बहुआयामी बताया. उन्होंने कहा कि उनका समग्र जीवन मां भारती को समर्पित था. उनका जीवन और विचारधारा भारतवासियों के लिए प्रारंभ से ही प्रेरणात्मक रही है. उनके ओजस्वी विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने स्वतंत्रता से पहले थे. प्राचार्या ने स्वामी विवेकानंद को महापुरुष की संज्ञा देते हुए कहा कि उनके हृदय में स्वाधीनता की तड़प, उसके लिए संघर्ष और बलिदान था. संस्था के निदेशक डॉ शंभू शरण सिंह ने अपने संदेश में विवेकानंद को महामानव बताया. उन्होंने कहा कि उनके ओजस्वी विचारधारा से प्रभावित होकर ही विद्यालय के शिक्षा-संस्थान को स्वामी विवेकानंद के नाम से नामकरण किया. स्वाधीनता प्राप्ति के बाद से भारत की जनता में, विशेष कर यक्षनवयुवकों में राष्ट्र को नये ढंग से गढ़ने की दिशा में सर्वत्र प्रबल उत्साह से जागृत होने का शंखनाद किया. तुम ईश्वर की संतान हो ! उठो! आगे बढ़ते रहो और तब तक बढ़ते रहो जब तक तुम्हें लक्ष्य न हासिल हो जाये. हमें अनंत शक्ति, अनंत उत्साह, अनंत साहस और अनंत धैर्य चाहिए तभी यह संकल्प पूर्ण होगा. बताया गया कि निदेशक ने 2011 से इस पुण्यतिथि को आत्मोदय अभियान में रूपांतरित कर आम जनमानस को पर्यावरण संबंधी प्रकृति के संरक्षण का मंत्र देकर पौधारोपण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य चेतना और स्वच्छता के प्रति जागरूकता से जोड़कर आत्मोदय का पाठ पढ़ाया. इस अभियान में छात्र-छात्राओं का दल जिले के गांव-गांव में, ब्लॉक, अनुमंडल, न्यायालय, थाना, अस्पताल, पंचायत भवन, परिसर में जाकर पौधारोपण करते हैं. छात्र दल द्वारा ग्रामीण जनों से उपयुक्त विषयों की चर्चा कर जागरूकता फैलाने का कार्यक्रम जनहितकारी सिद्ध हुआ है. निदेशक की दूरदर्शिता का लोगों पर विशेष प्रभाव पड़ा है, निकटवर्ती गांव में सरकारी कार्यों में लगाये गये पौधे आज जवान होकर फल फूल रहे हैं. बच्चे संवाद कर इसके लाभ-हानि की चर्चा कर ग्रामीणों को जागरूक बनाने में महती भूमिका निभा रहे हैं. 11 वर्षों से इस परंपरा को विवेकानंद मिशन स्कूल हर्ष और उत्साह से निभाते आ रहा है. डॉ शंभू शरण सिंह के इस परिवर्तन कारी अभियान को देखकर उन्हें आत्मोदय का शिखर पुरुष के नाम से पुकारा जाने लगा है. सरकारी कार्यालय स्कूल गांव गांव में उनकी चर्चा होने लगी है. पर्यावरण के प्रति अभियान बड़ा परिवर्तनकारी सिद्ध हुआ है.

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