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बिहार में नौकरी कर रहे दूसरे राज्यों के शिक्षकों की बढ़ी टेंशन, जा सकती है जॉब

औरंगाबाद में किसी दूसरे राज्य की रहने वाली दस महिला शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. ये महिला शिक्षक अपात्र पाई गईं. सीटीईटी में उनके अंक पात्रता मानदंड से कम पाए गए.

BPSC Teacher News : बिहार में दो चरणों में जिस तेजी से शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. इसी गति से विभिन्न जिलों में अयोग्य शिक्षक भी पकड़े जा रहे हैं. ताजा मामला औरंगाबाद जिले का है, जहां बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा पास कर बहाल हुए दस शिक्षक अयोग्य पाए गए हैं, जिनकी नौकरी खतरे में है. इससे संबंधित पत्र सोमवार (20 मई) को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दयाशंकर सिंह ने जारी किया है. जिसमें इन सभी शिक्षकों से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

60 प्रतिशत से कम अंक होने की वजह से रद्द होगी नियुक्ति

जारी पत्र में कहा गया है कि पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देश के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी किए गए पत्र में स्पष्ट है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा में पांच प्रतिशत की छूट बिहार राज्य के निवासी अभ्यर्थियों को ही दी जाएगी. बिहार से बाहर रहने वाले व्यक्तियों को पात्रता परीक्षा में पांच प्रतिशत की छूट नहीं दी जायेगी. 60 प्रतिशत से कम अंक होने के कारण उक्त शिक्षक की औपबंधिक नियुक्त रद्द कर दी जायेगी.

जारी पत्र
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दयाशंकर सिंह द्वारा जारी पत्र

इन शिक्षकों पर कार्रवाई

जिले के विभिन्न स्कूलों में 10 ऐसे शिक्षक हैं, जो दूसरे राज्यों के निवासी हैं और उन्हें सीटीईटी में 60 फीसदी से कम यानी 90 से कम अंक मिले हैं. इन शिक्षकों में हिंदी विषय के लिए नियुक्त सरिता देवी, संस्कृत विषय से सुमन पटेल, अंग्रेजी से ऋचा और शिवकुमार यादव, सामाजिक विज्ञान से आराधना कुमारी, मुकेश कुमार गौतम और रीना यादव, गणित विज्ञान से कविता शर्मा और अंजना कुमारी गौतम के नाम शामिल हैं

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