चोरी की दो बाइक के साथ तीन शातिर गिरफ्तार
अंतरजिला वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश, तीन अन्य की जल्द होगी गिरफ्तारी
औरंगाबाद/मदनपुर. मदनपुर थाने की पुलिस ने अंतर जिला वाहन चोर गिरोह का उद्भेदन करते हुए चोरी की दो बाइकों के साथ तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार शातिरों में सलैया थाना क्षेत्र के रुनिया गांव निवासी भरत राम के पुत्र रितेश कुमार, नरारी कला थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव निवासी बिरन यादव के पुत्र रंजय कुमार व राजेंद्र सिंह के पुत्र रवींद्र कुमार शामिल है. उनके पास से चोरी की दो बाइकें बरामद की गयी है. गिरफ्तारी व बरामदगी से संबंधित जानकारी साझा करते हुए सदर एसडीपीओ-दो अमित कुमार ने बताया कि मदनपुर थाने की पुलिस ने 17 अगस्त की शाम संदेह के आधार पर खिरियावां मोड़ से रुनिया गांव निवासी रितेश कुमार को बाइक के साथ गिरफ्तार किया था. जब उससे गाड़ी की कागजात मांगी गयी, तो उसने बताया कि वो गाड़ी नरारी कला थाना क्षेत्र के तेंदुआ निवासी रंजय कुमार से ली है और कागजात उसी के पास है. पुलिस जब रंजय कुमार से उसके घर जाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि बाइक चोरी की है, जिसमे छह युवक शामिल है. इस संबंध में छह वाहन चोरों के खिलाफ मदनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए रितेश कुमार, रंजय कुमार व रवींद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया. सोमवार को सभी को जेल भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि नरारी कला खूर्द थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव निवासी विनय सिंह के पुत्र गौतम कुमार, महुअरी गांव के अमेरिका मेहता के पुत्र नीतीश कुमार और माली थाना क्षेत्र के जसोइया निवासी विनोद यादव के पुत्र ओमप्रकाश कुमार की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. यह भी बताया कि चोर गिरोह द्वारा 50 से अधिक बाइकें चोरी करने के उपरांत अवैध कार्यों में उपयोग किया जाता है. बहुत जल्द चोरी की अन्य घटनाओं का भी खुलासा हो जायेगा. छापेमारी टीम में मदनपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक अनूप कुमार सिंह, सिपाही लेखु कुमार, महिला सिपाही नीलम कुमारी, गृह रक्षक गणेश यादव, श्याम बहादुर कुमार एवं जिला आसूचना इकाई औरंगाबाद की टीम शामिल थी. ज्ञात हो कि औरंगाबाद जिले में बाइक चोरी की घटना पुलिस के लिए नासूर बन गयी है. चोरी की बाइक को शातिर अवैध कार्यों में उपयोग करते है. खासकर शराब ढुलाई में बाइक का उपयोग किया जा रहा है. बड़ी बात यह है कि जो तीन साथी पकड़े गये है वे बाइक को महज 12 से 15 हजार के बीच बेच देते थे और उसमें से बराबर-बराबर हिस्सा बांट लेते थे.
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