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शिविर में निरोग रहने के बताये नुस्खे

खान-पान व रहन-सहन में बदलाव कर रह सकते हैं निरोग

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2024 10:24 PM

खान-पान व रहन-सहन में बदलाव कर रह सकते हैं निरोग अंबा. अंबा के कुशल युवा कार्यक्रम केंद्र विजार्ड कंप्यूटर सेंटर हरदता के परिसर में योग दिवस के एक दिन पूर्व गुरुवार को योगा शिविर का आयोजन किया गया. साथ ही कैंब्रिज क्लासेस अंबा में भी बच्चों को स्वस्थ रहने से संबंधित विभिन्न नुस्खे बताये गये. पंचदेव धाम चपरा के सौजन्य से आयोजित योग शिविर में महात्मा गांधी नेचुरोपैथी हॉस्पिटल महाराष्ट्र के डॉ सुभाष भालचंद्र नेमाडे व डॉ निशिगंधा सुभाष नेमाडे ने निरोग रहने के लिए कई नुस्खे बताये. उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए खान-पान एवं रहन-सहन में थोड़ी सुधार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हथेली, उंगली, कलाई एवं पैर के तलवे में कलर थेरेपी तथा विभिन्न पॉइंट को दबाकर कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. इम्युनिटी स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम, अलोम विलोम, जल्द स्वसन व दीर्घ स्वसन आदि प्राणायाम कराये गये. डॉ निशिगंधा ने ब्लड प्रेशर डायबिटीज, दस्त व बुखार आदि से तुरंत आराम पाने से संबंधित कई तरह के घरेलू उपचार बताएं. प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं. ऐसे में हर परिवार में दो-चार व्यक्ति नियमित रूप से दवा पर निर्भर रह रहे हैं. नियमित रूप से योग कर हम दवा से छुटकारा पा सकते हैं. मौके पर नेचुरोपैथी चिकित्सक डॉ ऋषिकेश कुमार, संस्था के डायरेक्टर रौशन कुमार, विनय कुमार, शिक्षक विक्की लाल, अभय कुमार, अमित चंद्रा, रविरंजन पाल, श्रीमन कुमार आदि रहे. प्राणायाम के साथ कलर थेरेपी को अपनाएं डॉ निशिगंधा ने कहा कि प्राणायाम के साथ कलर थेरेपी को अपनाने से कई तरह की बीमारियां दूर होंगी. उन्होंने बताया कि ब्लड प्रेशर हाई होने पर अंगूठा के ऊपरी भाग नाखून के नीचे नीला कलर मार्कर व ज्यादा ठंड लगने पर तर्जनी अंगुली के ऊपरी भाग नाखून के नीचे लाल कलर मार्कर से बिंदी का निशान बनाएं. इंफेक्शन के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार होने पर हाथ की सभी 10 उंगली में जॉइंट के पास हथेली की ओर काले कलर के मार्कर से निशान बनाएं. कब्ज होने पर हाथ की कलाई से चार उंगली ऊपर दबाने से आराम मिलेगा. वहीं निचले भाग में दबाने से उल्टी कब्ज से छुटकारा मिलता है. गर्भवती महिलाओं को जी मिचलाने पर यह उपाय कारगर साबित होता है. ऐसा करने से उल्टी नहीं होती है.

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