UPSC में औरंगाबाद के विरुपाक्ष विक्रम सिंह और डा. प्रेम प्रकाश ने लहराया परचम
यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम जारी कर दिया है. इसमें औरंगाबाद के विरुपाक्ष विक्रम सिंह और डा. प्रेम प्रकाश ने सफलता हासिल की है.
UPSC CSE Result 2023: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. हर बार की तरह इस बार भी परीक्षा में बिहार के कई अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है. इसमें राज्य के औरंगाबाद जिले के विरुपाक्ष विक्रम सिंह ने 49वां स्थान हासिल किया है. वहीं, डा.प्रेम प्रकाश ने 130 वां रैंक हासिल किया है.
विरुपाक्ष विक्रम सिंह को मिला 49 वां स्थान
औरंगाबाद सदर प्रखंड के जम्होर गांव निवासी आईपीएस अधिकारी विनीत विनायक के पुत्र विरुपाक्ष विक्रम सिंह ने यूपीएससी परीक्षा में 49वां स्थान हासिल किया है. उनकी इस उपलब्धि पर पूरे जम्होरवासियों में खुशी की लहर है. उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. लोगों का कहना है कि विरुपाक्ष विक्रम सिंह की इस सफलता से पूरे समुदाय का नाम रोशन हुआ है. बता दें कि विरुपाक्ष विक्रम सिंह पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता स्वर्गीय अभय कुमार सिंह के प्रपौत्र हैं. बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि वाले विरुपाक्ष विक्रम सिंह का बचपन से ही सपना था कि वह एक प्रशासनिक अधिकारी बनकर पूरे देश की सेवा करें.
डॉक्टर प्रेम प्रकाश ने हासिल किया 130 वां रैंक
औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल के ओबरा प्रखंड के जमुहारा निवासी किसान रवींद्र कुमार चौधरी और रीता देवी के पुत्र डॉ. प्रेम प्रकाश ने यूपीएससी की परीक्षा में 130वां रैंक हासिल किया है. उनकी सफलता पर खुशी जाहिर करने का सिलसिला जारी है. डॉ. प्रेम प्रकाश ने दाउदनगर के विद्या निकेतन से शिक्षा प्राप्त की है. उन्हें यूपीएससी 2023 में भी 677वीं रैंक मिली थी.
प्रेम प्रकाश ने दिल्ली एम्स में भी नौकरी
बताया गया कि प्रेम कुमार और उनके छोटे भाई प्रवीण कुमार दोनों नर्सरी से ही यहां विद्या निकेतन के छात्र रहे हैं. प्रवीण एसएसबी में नौकरी करते हैं. जबकि उनकी बहन पूजा कुमारी चौहान मेडिकल की तैयारी कर रही है. डॉ. प्रेम प्रकाश 2001 से लगातार विद्या निकेतन में पढ़ाई की. बताया गया कि 2013 में भागलपुर से एमबीबीएस करने के बाद प्रेम प्रकाश को एम्स दिल्ली में नौकरी मिल गई, फिर नौकरी से इस्तीफा देकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की और दूसरे प्रयास में सफलता मिल गई. लेकिन प्रेम प्रकाश बेहतर रैंक हासिल करना चाहते थे और उन्होंने इस साल की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और तीसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता हासिल हुई.
डॉक्टर प्रेम प्रकाश के पिता रवींद्र कुमार चौधरी उत्तर प्रदेश के शक्तिनगर में नौकरी करते थे. उनके दादा रामाधार चौधरी बोकारो स्टील सिटी में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत थे. दादा रामाधार चौधरी ने बताया कि उनका सपना था कि उनका पोता आईएएस बने.