भीम बराज से नॉर्थ कोयल नहर में पानी डिस्चार्ज

अधिकारियों ने पूजा कर की मौसम अनुकूल रहने की कामना

By Prabhat Khabar Print | June 30, 2024 9:43 PM

भीम बराज से नॉर्थ कोयल नहर में पानी डिस्चार्ज

सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने से खेती पकड़ेगी रफ्तार, किसानों में खुशी

अधिकारियों ने पूजा कर की मौसम अनुकूल रहने की कामना

बुधुवा माइनर में गेट नहीं होने से हो सकती है दिक्कत

फोटो -22- पानी से लबालब भरा भीम बराज

फोटो-23- पूजन कर गेट ऑपरेट करते अधिकारी

प्रतिनिधि, औरंगाबाद/कुटुंबा

झारखंड के पठारी भाग में मूसलाधार बारिश होने से भीम बराज मोहम्मदगंज का वाटर पौंड लेबल मेंटेन कर गया है. रविवार की सुबह बराज का गेट ऑन कर राइट साइड मेन कैनाल में टेस्टिंग के लिए पानी छोड़ दिया गया है. अब खेती के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है. इसके पहले जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की टीम ने विधिवत पूजन कर खरीफ फसल के अनुकूल मौसम रहने के लिए ईश्वर से कामना की. टीम में बराज के एग्जक्यूटिव इंजीनियर विनीत प्रकाश, एसडीइओ अजीत कुमार, जेइ विनोद राम व राकेश रंजन समेत अन्य कर्मी मौजूद थे. एग्जक्यूटिव इंजीनियर ने बताया कि वर्तमान में भूगर्भ रिचार्ज के लिए बराज में पानी की कमी नहीं है. बराज का वाटर लेबल मेकअप कर 2.4 मीटर तक पहुंच गया है. खरीफ फसल को लेकर नहर का संचालन शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पहले दिन 30 जून को सुबह 10 बजे बराज से मुख्य नहर में 400 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया. दोपहर के बाद नहर का पानी बढ़ाकर 497 क्यूसेक कर दिया गया है.

ससमय किया बराज हैंडओवर

उन्होंने बताया कि वैसे तो कोयल नहर अभी तक बरसाती नहर है. नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में बारिश होने पर नहर का संचालन किया जाता है. इस बार झारखंड के मेदिनीनगर डिवीजन के अधिकारियों की ओर से बिहार को ससमय बराज हैंडओवर कर दिया गया था. साथ ही जल भंडारण करने के लिए बराज के डाउन साइड का सारा गेट नीचे गिरा कर पानी इक्ट्ठा किया गया. शुक्रवार तक बराज में मात्र 60 से मीटर ही पानी स्टॉक हुआ था. इधर, शनिवार की मॉनसूनी बारिश से कोयल नदी का जल स्तर बढ़ा है.

तटबंध क्षतिग्रस्त होने की आशंका

दूसरी तरफ किसानों में चर्चा है कि कोयल नहर में पानी छोड़ दिया गया, पर इस बीच दिक्कत भी आ सकती है. झारखंड भाग में 89 से लेकर 90 आरडी के बीच से बुधुवा माईनर निकला है. इस माइनर में वर्षों से अभी तक गेट नहीं लगाया गया है. मेन कैनाल का जल प्रवाह सीधे माइनर में प्रवेश कर जाता है, जिससे तटबंध क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी रहती है. पिछले वर्ष बुधुवा माइनर के तटबंध डैमेज होने से कई दिनों तक बिहार पोरसन के किसानों की सिंचाई बाधित हुई थी. इसके पश्चात अधीक्षण अभियंता की पहल पर वहां पर लकड़ी का गेट लगाया था, जो खराब हो गया है. दूसरी तरफ बुधुआ नहर के पानी से जपला स्टेशन के समीप बांध का कटाव होता है. ऐसे में रेलवे के अधिकारी नहर का संचालन बंद रखने के लिए बाध्य करते हैं.

क्या बताते हैं अफसर

जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि उत्तर कोयल नहर के अधीनस्थ क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग प्रयासरत है. किसान से अपेक्षित सहयोग मिलता रहा है और मौसम अनुकूल रहने पर खरीफ फसल की खेती करने में दिक्कत नहीं होगी. नहर संचालन के क्रम में कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति अनावश्यक रूप से छेड़छाड़ नहीं करें. अगर, कहीं तटबंधों में लीकेज मिले, तो तत्काल विभाग को सूचना देने का प्रयास करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version