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बारुण में पराली की आग से कई एकड़ में लगे गेहूं की फसल राख

बारुण प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत लगभग 200 बीघा खेतों में आग लग चुकी है

औरंगाबाद. औरंगाबाद जिले में हर दिन खेत आग से सुलग रहे है. यूं कहे कि फसल लगे खेतों में आग का बवंडर मचा है. पिछले एक सप्ताह की बात की जाए तो औरंगाबाद जिले में लगभग 500 बीघा फसल जलकर राख हो गया. यह सिलसिला जारी है. बड़ी बात यह है कि गर्मी के इस मौसम में एक तरफ तापमान 40 डिग्री को पार कर गया है तो दूसरे तरफ आग कोहराम मचा रहा है. दर्जनों किसान बर्बाद हो चुके है. इस बर्बादी के पीछे कहीं शॉर्ट-सर्किट कारण बनी है तो कहीं गेहूं कटने के बाद पराली जलाने वाले किसान कारण बने है. सबसे अधिक प्रभावित होने वाला प्रखंड बारुण और ओबरा है. दूसरी बात यह है कि आग बुझाने में कहीं न कहीं संसाधनों का अभाव भी खटक रहा है. आंकड़ों के अनुसार सिर्फ बारुण प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत लगभग 200 बीघा खेतों में आग लग चुकी है. ज्ञात हो की जितनी कमी संसाधनों की है उतनी लापरवाही भी बरती जा रही है. गेहूं कटे खेत में डंठलों को जलाने से किसान बाज नहीं आ रहे है, जबकि यह प्रतिबंधित है. यह भी ज्ञात हो कि मशीन से कटाई कराने के बाद खेत में डंठल रह जाता है. सामान्यत: किसान इसे जला देते हैं. इससे खेत के साथ ही पर्यावरण को काफी नुकसान होता है. मिट्टी के पोषक तत्वों पर भी विपरीत असर पड़ता है. ताजा मामला यह है कि बारुण थाना क्षेत्र के करमडीह में गेहूं के डंठल में आग लगायी गयी, जिससे आग तेजी से फैलते हुए पास में लगे फसल में समा गयी. बारुण थाना क्षेत्र के सबसे पहले करमडीह में गेहूं के डंठल में आग लगी, उसके ठीक बाद टेरी पोखराही और सिंदुरिया में गेहूं के फसल में आग लग गयी. हालांकि, सूचना मिलते ही दमकल की टीम पहुंची और आग पर काबू पायी. गुरुवार को टेरी पोखराही में रामरक्षया सिंह व हरिनारायण सिंह के खेत मे आग लग गयी, जिससे काफी नुकसान हुआ. राम गुलाम बिगहा, काजीचक, बख्तरफा गांव में भी अगलगी में कई बिगहा में लगी गेहूं की फसल जल गये. इधर, थानाध्यक्ष कुमार सौरभ ने बताया कि वर्तमान मौसम में आग लगने की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसानों और लोगों से उन्होंने अपील की है कि लोग अपने खेतों का लगातार निरीक्षण करते रहे. साथ ही फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेष को न जलाएं, क्योंकि इससे बहुत बड़ी घटना घटित हो सकती है.

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