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25 हजार भक्तों की सूर्यदेव की पूजा

सुरक्षा के दिखे पुख्ता बंदोवस्त, न्यास समिति रख रही नजर

सुरक्षा के दिखे पुख्ता बंदोवस्त, न्यास समिति रख रही नजर औरंगाबाद/देव. आर्द्रा नक्षत्र की शुरुआत होते ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों पर दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है. आर्द्रा के पहले रविवार को सूर्य नगरी देव स्थित पौराणिक सूर्य मंदिर में भगवान के तीनों रूपों के दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. सुबह चार बजे से दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लग गयी. लगभग 25 हजार श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की. औरंगाबाद के साथ-साथ रोहतास, अरवल, गया व झारखंड के पलामू, हरिहरगंज समेत कई अन्य जिलों से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे. सबसे पहले सूर्यकुंड में स्नान करने के बाद श्रद्धालु सूर्य मंदिर पहुंचे और घंटों कतार में लगने के बाद भगवान भास्कर का दर्शन किये. मंदिर में इतनी भीड़ थी कि श्रद्धालुओं को मंदिर के दरवाजे पर रोकना पड़ा. जगह-जगह पर सुरक्षा बल तैनात किये गये थे. इधर, श्रद्धालुओं के आवागमन से देवनगरी भगवान के जयकारों से गुंज उठा. भीड़ इतनी थी कि सूर्यकुंड तालाब से सूर्य मंदिर तक जाने वाले श्रद्धालुओं को आधे घंटे का समय लग गया. भगवान को चढ़ाये फल का प्रसाद आर्द्रा नक्षत्र में आम और जामुन जैसे फलों का खासा महत्व है. वैसे भी सूर्य नगरी में आम और जामुन खरीदने की पुरानी परंपरा है. आर्द्रा में इन्हीं फलों का भोग भगवान को लगाया जाता है. पहले रविवार को पहुंचे श्रद्धालुओं ने उक्त फलों की खरीदारी की और भगवान को अर्पित किया. लेकिन, उन्हें महंगाई का सामना करना पड़ा. अधिक भीड़ होने की वजह से फलों की कीमतों में व्यवसायियों ने वृद्धि कर दी. 80 रुपये से 150 रुपये किलो तक आम बेचे गये. इसी तरह का रेट जामुन का भी था. सूर्यकुंड तालाब परिसर, देव गोदाम, सूर्य मंदिर के आसपास, देव थाना मोड़, हॉस्पिटल मोड़ के पास फलों की दुकानें सजी थीं. ज्ञात हो कि देव सूर्य मंदिर अराधना के लिए पूरे देश में विख्यात है. यहां ब्रह्मा, विष्णु व महेश रूपी एकादश सूर्य हैं. यहां कार्तिक व चैत मास में छठ व्रत करने लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. आर्द्रा के समय मेला लगता है. आर्द्रा नक्षत्र का मेला दो रविवार और दो मंगलवार को खास होता है. इसके अलावा हर रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ होती है. वैसे हर दिन मंदिर में पूजा के लिए श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. पेयजल की रही किल्लत आर्द्रा मेले के दौरान पेयजल की किल्लत दिखाई दी. भीड़ अत्यधिक होने की वजह से सूर्यकुंड तालाब और सूर्य मंदिर के इर्द-गिर्द पेयजल सुविधा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने के कारण महंगे दामों पर लोगों ने दुकानों से पानी की खरीदारी की. सूर्यकुंड तालाब पर चापाकल और नल का जल उपलब्ध नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा. अतिक्रमण से पटा रहा सूर्यकुंड आर्द्रा नक्षत्र के प्रथम रविवार को आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की अहले सुबह से ही भीड़ उमड़ पड़ी. स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को अतिक्रमण से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. फल दुकान, प्रसाद की दुकान, शृंगार दुकान और फल-मिठाई के ठेलों से सूर्यकुंड तालाब व घाट को अतिक्रमित कर लिया गया था. काफी भीड़ होने के कारण तालाब के घाटों पर श्रद्धालुओं का चलना मुश्किल हो गया था. इसी तरह श्रद्धालुओं को देव थाना मोड़ से लेकर सूर्य मंदिर तक जाम का भी सामना करना पड़ा. ग्रामीण इलाकों से हजारों की संख्या में लोग ऑटो पर सवार होकर पूजा-अर्चना करने पहुंचे थे. पुलिस टीम रही चौकस देव थाना के थानाध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि पुलिस टीम चौकस थी. मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों को लगाया गया था. ताकि, श्रद्धालुओं की भीड़ जमा नहीं हो. पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को मंगाया गया था. अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर देव के बैंक मोड़ पर बड़ी गाड़ियों की पार्किंग करा कर देव रानी तालाब की ओर भेजा गया. छोटी गाड़ियों को हॉस्पिटल मोड़ पर रोका गया. मदनपुर क्षेत्र और बाइपास से आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी गाड़ियों को बालापोखर मोड़ पर रोका गया, जबकि गोदाम मोड़ पर भी बड़ी गाड़ियों को रोका गया. सूर्य कुंड तालाब परिसर, देव सूर्य मंदिर के गर्भगृह और बाहर में भी पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी.

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