ट्रेन से कटकर युवक की मौत
प्लेटफाॅर्म पर खड़ी मालगाड़ी के अंदर से ट्रैक पार कर रहा था युवक
प्लेटफाॅर्म पर खड़ी मालगाड़ी के अंदर से ट्रैक पार कर रहा था युवक रफीगंज. गया-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड में स्थित रफीगंज रेलवे स्टेशन पर एक दर्दनाक घटना हुई. डाउन लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी के भीतर से ट्रैक पार करने के क्रम में एक 35 वर्षीय युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गयी. मृतक की पहचान राजस्थान राज्य के टोंक जिले के निवही निवासी मो सहजाद के 35 वर्षीय पुत्र फारूक के रूप में हुई है. घटना बुधवार की रात की है. हुआ यह कि जब युवक पुल से प्लेटफाॅर्म पर न जाकर जल्दीबाजी में लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी के भीतर से घुसकर पार होने लगा, तो उसी वक्त ट्रेन को सिग्नल मिली और ट्रेन आगे बढ़ गयी. ट्रेन के भीतर रहे युवक पहिये की चपेट में आ गया. उसका पैर और हाथ कटकर अलग हो गया. अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गयी. इस घटना के बाद प्लेटफाॅर्म से लेकर स्टेशन परिसर तक अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. रेल कर्मियों के साथ-साथ रेलवे पुलिस स्थिति को संभालने में लग गयी. फारूक के साथ रही उसकी मां चीत्कार उठी. कुछ लोगों ने समझा-बुझाकर शांत कराया. ससुराल वालों ने मारपीट कर भगाया मृतक की मां ने बताया कि उसके बेटे की ससुराल गया में है. वह तीन दिन पहले अपनी पत्नी को लेने के लिए गया आया था. लेकिन, ससुराल वालों ने उसे मारपीट कर भगा दिया. रफीगंज में एक परिवार के घर वे लोग ठहरे थे. रात्रि में टिकट बनाने के लिए स्टेशन जा रहे थे. लूप डाउन में मालगाड़ी खड़ी थी. पुल से प्लेटफॉर्म न जाकर जल्दबाजी में मालगाड़ी के नीचे से वह पार करने लगा. इसी बीच ट्रेन को सिग्नल मिली और ट्रेन चालू हो गयी. इधर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ एके केसरी ने बताया कि युवक का दोनों पैर व एक हाथ पूरी तरह से कट गया था. उसका काफी खून निकल गया. यहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया रेफर किया गया. लेकिन, मगध मेडिकल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गयी. लापरवाही से हो रहीं दुर्घटनाएं बड़ी बात यह है कि अक्सर इस तरह की लापरवाही रेलवे स्टेशनों पर होती रही है. बाहरी परिसर से प्लेटफाॅर्म पर जाने के लिए सीढ़ी या पैदल पथवे बनाया गया है. लेकिन, बहुत से लोग ट्रैक की बैरिकेडिंग को पार कर प्लेटफाॅर्म पर पहुंचने की कोशिश करते हैं. कई बार यह देखा गया है कि लूप लाइन में खड़ी ट्रेनों के भीतर से या दो डब्बों के बीच से होकर लोग प्लेटफाॅर्म पर जाते हैं. ऐसे में अक्सर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. कई बार औरंगाबाद जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर इस तरह की घटनाएं होते-होते रही हैं.
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