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देव के चांदपुर में भूमि विवाद में युवक की गोली मारकर हत्या

अफरा-तफरी के बीच दोनों पक्षों में हुआ पथराव

देव. देव थाना क्षेत्र के चांदपुर गांव में भूमि विवाद में 32 वर्षीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. घटना सोमवार की दोपहर की है. बड़ी बात यह है कि घटना का अंजाम तब दिया गया, जब अंचल कर्मियों व पुलिस की देखरेख में विवादित भूमि की मापी करायी जानी थी. मृतक की पहचान रफीगंज प्रखंड के सिमरा जमशेद गांव निवासी देवेंद्र शर्मा के पुत्र रौशन कुमार उर्फ बंटी के रूप में हुई है. चर्चा है कि 30 डिसमिल जमीन का विवाद दो पक्षों में चल रहा था. इधर, चर्चा यह है कि सुनील सिंह नामक व्यक्ति को अपनी जमीन बेचनी थी. विवाद होने के बाद मापी के लिए सोमवार का दिन तय किया गया था. पुलिस और सरकारी अमीन मापी के लिए पहुंचे थे. इसी बीच योगेंद्र पांडेय के पक्ष से कुछ लोग पहुंचे और विवाद खड़ा कर दिया. दोनों पक्ष एक दूसरे से भिड़ गये. लाठी-डंडे चले और पथराव भी हुआ. इसी बीच एक पक्ष द्वारा गोली चलायी गयी. गोली सीधे बंटी को लगी और वह जख्मी हो गया. आनन-फानन में उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. जहां से उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गयी. इधर एसडीपीओ सदर दो अमित कुमार ने बताया कि सुनील सिंह की जमीन थी और सोमवार को मापी का समय निर्धारित किया गया था. दोनों पक्षों को बुलाया गया था. पुलिस के साथ सरकारी अमीन भी मौजूद थे,लेकिन उक्त भूमि में पानी लगे होने के कारण बाद में मापी कराने की बात कही गयी. इसके बाद पुलिस वहां से चली गयी. जानकारी मिली कि पुलिस के जाने के बाद दोनों पक्ष आपस में भिड़ गये और पथराव किया. योगेंद्र सिंह सहित चार-पांच भाइयों की ओर से गोली चलायी गयी. गोली लगते ही रौशन उर्फ बंटी घायल हो गया. सदर अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. घटनास्थल पर एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया गया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. चांदपुर गांव में गोलीबारी की घटना में युवक की मौत के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. चर्चा यह है कि पुलिस की मौजूदगी में घटना हुई. हालांकि एसडीपीओ सदर दो अमित कुमार ने पुलिस की मौजूदगी से इंकार किया है. बड़ी बात यह है कि इस घटना के पीछे कहीं न कहीं पुलिस की विफलता भी सामने आयी है. जानकारी मिली कि मापी के दौरान खून खराबे की संभावना जतायी गयी थी. इसके बाद भी पुलिस ने इसको गंभीरता से नहीं लिया. चर्चा यह भी है कि जब दो पक्ष आपस में भिड़े, तो पुलिस वहां से फरार हो गयी और सीओ को पहुंचने के बाद आने की बात कही. औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने चांदपुर गांव की घटना की निंदा की है. साथ ही कहा कि इस घटना के पीछे पुलिस की विफलता है. समय रहते पुलिस ने सख्ती के साथ कार्रवाई नहीं कि बल्कि घटना के दौरान फरार हो गयी. पुलिस चाहती तो अतिरिक्त बल मंगाकर मामले का निबटरा करती. अगर उपद्रव होते तो उपद्रवियों पर कार्रवाई भी करती, लेकिन ऐसा नहीं किया. पुलिस को पता था कि जमीन का मामला बेहद गंभीर है. आखिर मामले को पदाधिकारियों ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया. पूर्व सांसद ने देव थानाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाये है. उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष शिकायतों का पिटारा बांधकर चलते है. उनकी कार्यशैली विवादों में है. पुलिस अधीक्षक को कुछ दिन पहले थानेदार के खिलाफ शिकायत की थी. वे आम लोगों की शिकायत की सुनवाई नहीं करते, बल्कि उलटे प्रताड़ित करते है. पैसा लेकर छोड़ना उनकी फितरत है. देव थाना पुलिस पूरी तरह फेलुअर साबित हो रही है.

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