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गंगा में कोविड संक्रमित शव बहाये जाने पर प्राधिकरण गंभीर, होगी गंगाजल की जांच

हाल ही में गंगा नदी में कोरोना संक्रमित शव बहाये जाने पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय,केंद्रीय एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उनके सहयोगी संगठन सतर्क हैं. पिछले 72 घंटे में ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विभागीय अफसर वायरोलॉजी एक्सपर्ट के साथ कई बार बैठकर गंगा जल की गुणवत्ता पर पड़े असर की जांच विषय पर माथापच्ची कर चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 20, 2021 12:44 PM

पटना. हाल ही में गंगा नदी में कोरोना संक्रमित शव बहाये जाने पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय,केंद्रीय एवं बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उनके सहयोगी संगठन सतर्क हैं. पिछले 72 घंटे में ऑनलाइन कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विभागीय अफसर वायरोलॉजी एक्सपर्ट के साथ कई बार बैठकर गंगा जल की गुणवत्ता पर पड़े असर की जांच विषय पर माथापच्ची कर चुके हैं.

दरअसल इस मामले में केंद्र चाहता है कि कोरोना संक्रमित शव का गंगाजल की गुणवत्ता पर असर जानने के लिए विशेष प्रोटोकाल तय करके सैंपलिंग करायी जाये़ सैंपलिंग की कवायद शुरू करने पर अनौपचारिक सहमति बन चुकी है़

विशेष प्रोटोकाल तय करके करायी जायेगी सैंपलिंग

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक चूंकि गंगा राष्ट्रीय नदी है, इसलिए इस संदर्भ में अंतिम निर्णय केंद्र से लिया जाना है़ फिलहाल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जल शक्ति मंत्रालय के औपचारिक आग्रह के बाद बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वर्तमान पैरामीटर पर सैंपलिंग करायी है़ चूंकि वायरस पैरामीटर पर अभी जांच होती नहीं है़ इसलिए वायरलोजिकल नजरिये से निष्कर्ष नहीं निकले हैं. नियमित पैरामीटर से अभी नदी की गुणवत्ता पर कोई उल्लेखनीय अंतर नहीं बताया जा रहा है़

जिला पदाधिकारियों को पत्र जारी

बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा है कि जिला पदाधिकारियों की तरफ से बहाये गये सभी शव निकाल लिये गये हैं. पॉल्यूशन बोर्ड ने गंगा परिक्षेत्र में पड़ने वाले सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र जारी कर कह दिया गया है कि गंगा में शव किसी भी कीमत पर न बहें, यह सुनिश्चित करना होगा़, ताकि नदी जल की गुणवत्ता प्रभावित न हो़

प्राधिकरण कोविड संक्रमित शव बहाये जाने पर गंभीर

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 2008 में चार नवंबर को मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया था़ नदी को प्रदूषण और अन्य समस्याओं से मुक्त करने के लिए उच्च अधिकार प्राप्त गंगा नदी घाटी प्राधिकरण घोषित किया गया है़

प्राधिकरण का गठन भारत सरकार ने वर्ष 2009 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा -3 के तहत किया था. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है़ लिहाजा गंगा नदी घाटी प्राधिकरण गंगा में कोविड संक्रमित शव बहाये जाने पर बेहद गंभीर है़

Posted by Ashish Jha

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