बिहार में अवैध रुपये जमा लेने वाली कंपनियों पर अब लगेगी लगाम, बनेगी अथॉरिटी, डेटाबेस होगा तैयार
अनियमित या अवैध जमा योजनाओं पर नकेल कसने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया जायेगा. लोगों के जमा पूंजी को सुरक्षित करने के लिए बने इस कानून के क्रियान्यवन केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपी गयी है.
कैलाशपति मिश्र, पटना. अवैध तरीके से आमलोगों की जमा पूंजी लेकर चंपत होने वाली कंपनियों, फर्म या लोगों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार गंभीर है. इस संबंध में कई कानून बनाये गये हैं. इस कड़ी में केंद्र द्वारा बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम कानून बनाये गये हैं. इस कानून के आलोक में बिहार में भी रुल्स बनाये जा रहे हैं, जिसके तहत अनियमित जमा योजना पर रोक लगाने के लिए बिहार में प्राधिकारण बनाने का निर्णय लिया गया है. इस प्राधिकारण के अध्यक्ष वित्त विभाग के सचिव होंगे. वहीं, प्रत्येक जिले में जिला एवं सेशन कोर्ट में एक इसके लिए डेजिनेटेड कोर्ट भी घोषित किये जायेंगे. केंद्र ने बिहार द्वारा बनाये गये रुल्स को सैद्धांतिक सहमति दे दी गयी है. वित्त विभाग इसके लिए जल्द ही कैबिनेट को प्रस्ताव भेजेगा.
बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम कानून के क्रियान्यवन की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य को
अनियमित या अवैध जमा योजनाओं पर नकेल कसने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया जायेगा. लोगों के जमा पूंजी को सुरक्षित करने के लिए बने इस कानून के क्रियान्यवन केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपी गयी है. राज्यों को इसके लिए एक प्रासंगिक प्राधिकरण और डेजिनेटेड अदालतों का गठन किया जाना है. अधिनियम का उल्लंघन करने वाले जमा लेने वालों की संपत्तियों की कुर्की का आदेश जारी करने से पहले उपयुक्त सरकार (सक्षम प्राधिकारी) होगा.
जमा लेने वाली कंपनी या लोगों का तैयार होगा डेटाबेस
राज्य में जमा लेने वाली कपंनियों और लोगों का ऑनलाइन डेटाबेस तैयार किया जायेगा, जिसमें सक्रिय जमा लेने वालों के बारे में जानकारी रखी जाएगी. प्रत्येक जमा लेने वाले द्वारा अपने कारोबार के संबंध में रिपॉजिटरी अथॉरिटी को सूचना दी जायेगी. अनियमित जमा योजनाओं से संबंधित अखबारों के विज्ञापनों पर भी नजर रखी जायेगी.
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