Bihar: ऑटो चालकों की नहीं चलेगी मनमानी, सरकार बना रही है बड़ा प्लान, नहीं किया पालन तो होगी कार्रवाई
बिहार के सभी शहरों में जाम की स्थिति दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. इस जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए सभी शहरों में ऑटों का रूट तय करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है. जिसमें किस रूट में कितना जाम है.
बिहार के सभी शहरों में जाम की स्थिति दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. इस जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए सभी शहरों में ऑटों का रूट तय करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए परिवहन विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है. जिसमें किस रूट में कितना जाम है. इसका पूरा ब्योरा रहेगा. अधिकारियों के मुताबिक रिपोर्ट के बाद बैठक सभी ऑटो एसोसिएशन के साथ की जायेगी और उनके साथ भी तय रूट को लेकर चर्चा की जायेगी. इसके बाद यह सबसे पहले पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया व भोजपुर में शुरू होगा. उसके बाद अन्य जिलों में इस नियम को लागू किया जायेगा.
भीड़-भीड़ वाले इलाकों में तय होगा समय, नहीं लगेगा जाम
अधिकारियों के मुताबिक तय रूट के अलावा भीड़- भाड़ वाले इलाकों में कुछ घंटों का समय भी तय होगा, ताकि लोगों को सहूलियत भी हो और जाम भी नहीं लगे क्योंकि कई शहरों में ऐसे बाजार होते हैं, जहां बड़ी सवारी गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं और आवागमन के लिए बहुत साधन भी नहीं हैं. ऐसे में उन इलाकों में ऑटो चलाने के लिए समय तय किया जायेगा.
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वीएलटीडी नहीं रहने पर नहीं बनेगा प्रदूषण प्रमाणपत्र
राज्य में सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस(वीएलटीडी) एवं इमरजेंसी बटन नहीं लगाने वालों का नहीं बनेगा प्रदूषण प्रमाणपत्र. इसको लेकर सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेजा गया है, ताकि सभी पुरानी गाड़ियों में डिवाइस लगाया जा सके. वहीं, नयी सार्वजनिक गाड़ियों में डिवाइस लगी रहती तभी गाड़ी सड़क पर आती है. को सड़क पर निकाला जाता है. परिवहन विभाग के मुताबिक अब तक दो हजार वाहनों में इसे लगाया गया है, लेकिन विभाग ने उपकरण लगाने की धीमी गति को देखते हुए निर्णय लिया है कि जिस गाड़ी में इस सिस्टम को नहीं लगाया जायेगा, उस गाड़ी का प्रदूषण प्रमाणपत्र भी नहीं बनेगा.
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से वाहनों के लोकेशन की होगी लाइव ट्रैकिंग
विभाग ने सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेजा है कि सभी स्कूली बसों में इसे लगाया जाये, ताकि बच्चे-बच्चियां अपनी खुद की परेशानियों की शिकायत कर सकें. वहीं, जरूरत पड़ने पर बटन की मदद से अपराधियों को पकड़ा जा सके. इससे स्कूली छात्राएं और सुरक्षित हो सकेंगी.