पटना. ऑटो के मनमाने किराया वृद्धि से यात्री परेशान हैं. बिना किसी प्रशासनिक स्वीकृति के शहर के कई रूटों में ऑटो चालकों ने अपने मन से किराया बढ़ा लिया है, जो अलग अलग प्वाइंट के बीच 20-30 फीसदी से 50-60 फीसदी तक है.
न्यूनतम किराया तो 100 फीसदी तक बढ़ गया है. यह पांच रुपये से 10 रुपये हो गया है. ऑटो चालकों द्वारा जबरन की जा रही अधिक किराया वसूली के कारण लगभग हर रोज यात्री और चालकों के बीच किचकिच होती है. यहां तक मारपीट तक की नौबत भी आ जा रही है.
खास बात यह है कि परिवहन विभाग की कमेटी 11 फरवरी को विभिन्न ऑटो यूनियन की आरटीए सेक्रेटरी और डीटीओ के साथ हुई बैठक में दिये गये प्रस्तावों पर विचार भी नहीं कर पायी थी कि एक ऑटो यूनियन ने अपनी बैठक में नयी दर तय कर मनमाने ढंग से किराया बढ़ा दिया. चूंकि परिवहन विभाग के सिवा और किसी को ऑटो किराया बढ़ाने का अधिकार नहीं है, लिहाजा लोगों को नया किराया देने में और भी अखर रहा है.
इस संबंध में कई अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन इस मामले में वे कुछ भी कहने से बचते रहे. आम लोगों की परेशानी यह है कि वे बढ़े हुए किराये की शिकायत किससे करें.
पूरे पटना में ऑटो किराया में वृद्धि नहीं हुई है, बल्कि केवल कुछ ही रूट पटना जंक्शन कुर्जी, जीपीओ गोलंबर जगदेव पथ और दीघा मोड़ से आशियाना मोड़ रूट में ही किराया में वृद्धि हुई है. इसके कारण भी लोगों को बढ़ा हुआ किराया देने में अखर रहा है और बाकी रूट में किराया वृद्धि नहीं होने का हवाला देकर वे बढ़ा हुआ किराया देने से साफ मना कर दे रहे हैं. एक ही यूनियन प्रगतिशील ऑटो रिक्शा चालक यूनियन इसे समर्थन दे रही है.
परिवहन विभाग ने ऑटो चालकों की इस मनमानी को गलत कहा है. इसके बावजूद उसपर अंकुश लगाने या बढ़ा हुआ किराया लेने वाले को दंडित करने का कोई प्रयास नहीं दिख रहा है. इससे मनमानी करने वाले ऑटो चालकों को और भी प्रोत्साहन मिल रहा है.
बिहार राज्य ऑटो रिक्शा टेंपो चालक संघ ने रविवार को बैठक आयोजित कर पूरे शहर के ऑटो किराया में 10 से 20 फीसदी तक की वृद्धि करने की घोषणा की . इससे शहर के जिन इलाकों में ऑटो किराया में अब तक वृद्धि नहीं हुई है, उधर भी वृद्धि हो जायेगी. मुर्तजा अली की अध्यक्षता में हुए इस बैठक में दो मार्च को नयी दरों के जारी करने और तीन मार्च से इनके लागू करने की बात कही गयी.
Posted by Ashish Jha