बिहार के पंचायतों में जल्द ही काम करने लगेंगे ऑटोमेटिक मौसम केंद्र, किसानों को मिलेगी सटीक जानकारी

राज्य में मौसम की स्थिति पर निरंतर नजर रखने और इससे प्राप्त जानकारी का फायदा किसानों को मुहैया कराने के लिए ऑटोमेटिक मौसम केंद्र की स्थापना की जा रही है. इसके तहत अब सभी आठ हजार 366 पंचायतों में ऑटोमेटिक मौसम केंद्र को स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2021 10:39 AM

कौशिक रंजन, पटना. राज्य में मौसम की स्थिति पर निरंतर नजर रखने और इससे प्राप्त जानकारी का फायदा किसानों को मुहैया कराने के लिए ऑटोमेटिक मौसम केंद्र की स्थापना की जा रही है. इसके तहत अब सभी आठ हजार 366 पंचायतों में ऑटोमेटिक मौसम केंद्र को स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की गयी है.

आने वाले छह महीने में राज्य की सभी पंचायतों में ऐसे केंद्रों को स्थापित करने का काम पूरा कर लिया जायेगा. योजना एवं विकास विभाग के स्तर से इसकी समुचित मॉनीटरिंग की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार पहले ही 14 करोड़ जारी कर चुका है, जबकि राज्य सरकार ने भी 144 करोड़ जारी कर दिया है. चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना को पूरा कर लेना है.

इन सभी ऑटोमेटिक मौसम केंद्रों को समेकित तौर पर जोड़ने और इनसे प्राप्त आंकड़ों का राज्य स्तर पर आकलन करने के लिए बिहार मौसम सेवा केंद्र की स्थापना पहले ही कर दी गयी है. यहां जल्द ही राष्ट्रीय स्तर के कुछ मौसम वैज्ञानिकों की भी तैनाती होने जा रही है. राज्य की सभी पंचायतों में मौसम केंद्रों की स्थापना होने से राज्य के सभी हिस्से के मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी.

मौसम की हर जानकारी मिलेगी

राज्य के अलावा सभी 534 प्रखंड स्तर पर भी ऑटोमेटिक मौसम केंद्र की स्थापना हो चुकी है. तकरीबन सभी प्रखंडों में इसने काम करना शुरू कर दिया है. जिन कुछ प्रखंडों में इसने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है, वहां भी जल्द ही यह शुरू हो जायेगा. प्रखंड के बाद अब पंचायत स्तर पर ऐसे केंद्रों के काम शुरू कर देने से अब नीचे स्तर तक मौसम की सही जानकारी हो सकेगी. लोगों को मौसम ही हर जानकारी मिल सकेगी.

इन मौसम केंद्रों से ये होंगे फायदे

इसके आधार पर राज्य स्तरीय और क्षेत्रवार मौसम की एकदम सही रिपोर्ट तैयार करने में काफी आसानी होगी. मौसम के हर पल बदलते मिजाज और इसके आपदा के रूप में तबदील होने के बारे में भी सही जानकारी होगी. ठनका, आंधी-तूफान, भारी बारिश समेत तमाम प्राकृति आपदाओं के बारे में स्थानीय लोगों को सटीक जानकारी मिलेगी. किस क्षेत्र का मौसम कैसा होगा और कब बदलेगा मौसम का मिजाज, इसकी सही जानकारी मिलने से सबसे ज्यादा किसानों को फायदा होगा.

Posted by Ashish Jha

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