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पिछले 24 घंटे में औसतन 89 एमएम हुई बारिश, नहीं खुलीं दुकानें, व्यवसाय ठप

छपरा (सदर). सारण में लगातार दूसरे दिन भी भारी बारिश हुई. जिले में औसत 89 एमएम बारिश पिछले 24 घंटे में रिकार्ड की गयी. इनमें सबसे ज्यादा 168.4 एमएम बारिश बनियापुर प्रखंड में तो सबसे कम मांझी प्रखंड में बारिश 48.166 एमएम रेकार्ड की गयी. जबकि छपरा शहर में 102.2 एमएम बारिश हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2020 2:03 AM

छपरा (सदर). सारण में लगातार दूसरे दिन भी भारी बारिश हुई. जिले में औसत 89 एमएम बारिश पिछले 24 घंटे में रिकार्ड की गयी. इनमें सबसे ज्यादा 168.4 एमएम बारिश बनियापुर प्रखंड में तो सबसे कम मांझी प्रखंड में बारिश 48.166 एमएम रेकार्ड की गयी. जबकि छपरा शहर में 102.2 एमएम बारिश हुई. जबकि 24 सितंबर को 99.2 एमएम बारिश हुई थी. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सरिता कुमारी के अनुसार सितंबर माह में 198.7 एमएम सामान्य बारिश का अनुमान था, जबकि अब तक 276 एमएम बारिश हो चुकी है जो औसत अनुमान से 77.5 एमएम ज्यादा है. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के अनुसार दक्षिण, पश्चिमी माॅनसून अवधि में जून से सितंबर तक सामान्य तौर पर 933.10 एमएम बारिश का अनुमान था. जबकि अबतक 1166.62 एमएम बारिश जून से सितंबर तक हो चुकी है. जो सामान्य अनुमान से 25 फीसदी ज्यादा है. जून माह में 133.5 एमएम, जुलाई में 318.7 एमएम, अगस्त में 266.6 एमएम बारिश का अनुमान लगाया गया था. इस प्रकार चालू मॉनसून के दौरान हर माह में अनुमान से ज्यादा बारिश हुई है. सबसे कम बारिश अगस्त माह में हुई जो औसत से कम थी. विगत दो दिनों में लगातार हुई बारिश के कारण बरसापात में काफी बढ़ोतरी हुई है.

शहर में नहीं खुलीं दुकानें, व्यवसाय ठप

शुक्रवार को भी लगातार बारिश और जलजमाव के कारण शहर के अधिकतर बाजारों में इक्का-दुक्का दुकानें ही खुली नजर आयीं. सरकारी बाजार के थोक और खुदरा मंडियों में सन्नाटा पसरा रहा. फल और सब्जी के दुकानदारों को सड़क पर जलजमाव के कारण अपनी दुकानें लगाने में कठिनाई हुई. वहीं हथुआ मार्केट में आठ-दस दुकानें ही शाम तक खुली दिखीं. ग्रामीण इलाकों से भी खरीदार नहीं पहुंचे. जिसका असर करोबार पर दिखा. सलेमपुर इलेक्ट्रॉनिक मंडी में बरसात का पानी दुकानों में समा जाने से व्यवसायियों को परेशानी हुई. इस इलाके में प्रायः सभी दुकानें बंद रहीं. वहीं बाजार समिति और शहर के शॉपिंग मॉल्स भी वीरान नजर आये. वहीं बरसात के बीच करीब शाम चार बजे हल्की धूप खिली. जिसके बाद गृहणियां छत पर कपड़ा सूखाते नजर आयीं. हालांकि थोड़ी देर बाद फिर से आसमान में बादल छा गये. बरसात के कारण परिवहन भी प्रभावित हुआ. शहर के बस स्टैंड और ऑटो स्टैंड में कम ही यात्री नजर आये.

खदरा नदी में डेढ़ फुट पानी बढ़ा, आवागमन हो सकता है बंद

तरैया : तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से तरैया खदरा नदी के जल स्तर में डेढ़ फुट पानी की वृद्धि हुई है. खदरा नदी में बारिश के पानी बढ़ने से नदी में बने डायवर्सन का आधा हिस्सा डूब चुका है. वहीं पूर्वी छोड़ से डायवर्सन से पानी का बहाव शुरू हो गया है. बाढ़ के पानी में डेढ़ माह डायवर्सन डूबे रहने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था. पुल निर्माण कंपनी के संवेदक द्वारा डायवर्सन का मरम्मत कराया गया था. डेढ़ माह बाद डायवर्सन के माध्यम से लोगों का आवागमन बहाल हुआ था. मात्र एक सप्ताह डायवर्सन से आवागमन चला कि भारी बारिश के कारण खदरा नदी के बढ़ते जल स्तर से शुक्रवार को डायवर्सन से पानी पार करने लगा. डायवर्सन पर पानी चढ़ते ही चारपहिया वाहनों की आवाजाही बंद हो गयी. कुछ बाइक चालक जान जोखिम में डालकर डायवर्सन पार कर रहे हैं.

अस्पताल जाने की फिर समस्या उत्पन्न

भीषण बारिश के कारण लोगों को रेफरल अस्पताल, प्रखंड मुख्यालय, थाना तक पहुंचे में संकट में डाल दिया. बाढ़ के कारण क्षेत्र के लगभग सभी ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं भीषण बारिश के कारण सड़कों की स्थिति और दयनीय हो गयी है. व्यवसायियों व ग्रामीणों का आरोप है कि अगर समय से रहते ब्रिटिशकालीन जर्जर पुल को तोड़कर नये पुल का निर्माण हो गया रहता तो भयंकर बाढ़ व भारी बारिश के दौरान ये समस्या नहीं आती. ग्रामीण राजेंद्र सिंह, लालबाबू साह, करण कुमार ने कहा कि बाढ़ व बरसात के मौसम का ख्याल रखकर पुल तोड़ा गया रखता तो आमलोगों को आने जाने में जो कठिनाइयां हो रही इससे आमजन बच जाते.

posted by ashish jha

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