Nitish kumar-Tejashwi goverment: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब विधानसभा स्पीकर का निर्वाचन होना है.आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी (Awadh Bihari Choudhary) ने महागठबंधन की ओर से गुरुवार (25 अगस्त 2022) को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इसके साथ ही रामचंद्र पूर्वे ने भी विधान परिषद के उपसभापति पद के लिए नामांकन किया है. बता दें कि नए स्पीकर का चुनाव शुक्रवार 26 अगस्त को होगा.
अवध बिहारी चौधरी (76) राजद के वरीय नेताओं में से एक हैं. अवध बिहारी राजद प्रमुख लालू यादव और उनके परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं. वे बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 17 अगस्त 1954 को सीवान के पटवा में एक किसान परिवार में हुआ था. यादव समुदाय से आने वाले अवध बिहारी को लालू प्रसाद यादव राजनीति में लेकर आए थे, लेकिन उनका सियासी सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा.
बता दें कि अवध बिहार चौधरी जनता दल के टिकट पर पहली बार 1985 में सीवान सीट से विधायक बने थे. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने जब आरजेडी का गठन किया तो उनके साथ हो गए थे. इसके बाद साल 2005 तक लगातार सीवान से विधायक रहे. इस दौरान वह लालू यादव से लेकर राबड़ी देवी की अगुवाई वाली सरकार में मंत्री रहे है और अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी संभाली.
अवध बिहारी चौधरी सीवान से 1985, 1990, 1995, 2000 और फरवरी, 2005 में विधायक चुने गए थे. 2020 में भी वह विधायक बने. 2020 में विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ उन्होंने स्पीकर पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अवध बिहारी चौधरी ने 2014 लोकसभा चुनाव के बाद आरजेडी को छोड़कर जेडीयू का हाथ थाम लिया था पर जेडीयू ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान सीवान सीट से जब अवध बिहारी चौधरी की जगह बबलू चौहान को टिकट दिया गया तो उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा.
साल 2017 में अवध बिहारी ने जेडीयू छोड़कर दोबारा आरजेडी का दामन थाम लिया. साल 2020 में आरजेडी के टिकट पर सीवान सीट से जीत दर्ज कर विधायक बनने में कामयाब रहे. साल 2000 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई तो आरजेडी विपक्ष में थी. उस समय विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए एनडीए महागठबंधन की ओर से अवध बिहार चौधरी ही कैंडिडेट बने थे. हालांकि, उन्हें विजय कुमार सिन्हा के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा था.