साल में अब चार बार दिये जायेंगे पुरस्कृत, जानें किन श्रेणियों में होगा स्कूल, शिक्षक व विद्यार्थी का चयन
पुरस्कार त्रैमासिक आधार पर भी दिये जा सकते हैं. इस तरह के आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जारी कर दिये हैं. अपर मुख्य सचिव के आदेश के मुताबिक इस बार पुरस्कार की श्रेणियों में शिक्षकों के अलावा विद्यालय और विद्यार्थियों को भी शामिल किया गया है.
पटना. राज्य के सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक और विद्यार्थियों को अब एक साल में चार बार पुरस्कृत किया जायेगा. यह पुरस्कार 15 अगस्त, 26 अगस्त, गांधी जयंती और शिक्षक दिवस को दिये जायेंगे. पुरस्कार त्रैमासिक आधार पर भी दिये जा सकते हैं. इस तरह के आदेश शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जारी कर दिये हैं. अपर मुख्य सचिव के आदेश के मुताबिक इस बार पुरस्कार की श्रेणियों में शिक्षकों के अलावा विद्यालय और विद्यार्थियों को भी शामिल किया गया है.
पुरस्कार के लिए एक विशेष कैटेगरी विशेष अनुशंसा
पुरस्कार के लिए एक विशेष कैटेगरी विशेष अनुशंसा के लिए भी तय की गयी है. इन श्रेणियों में उप विभाजन किया गया है. पुरस्कार के लिए नवाचार, कम्प्यूटर तकनीक, खेलकूद, स्वच्छता , विद्यार्थियों की उपस्थिति ,तकनीकी और विज्ञान को आधार बनाया गया है. प्रधानाध्यापक को भी पुरस्कृत किया जायेगा. इन पुरस्कारों में प्रत्येक कोटि के लिए प्रत्येक जिले से कम से कम दस-दस नामों की सूची बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को भेजेंगे. जिलों से यह सूची जिला पदाधिकारी अनुशंसा करेंगे. बिहार शिक्षा परियोजना की तरफ से गठित समिति इन पुरस्कारों की के लिए योग्य शिक्षक, विद्यार्थी एवं स्कूल का चयन करेंगे.
एसीएस ने चयन के लिए समिति गठित की
अपर मुख्य सचिव पाठक ने अभी से बाकायदा समिति भी गठित कर दी है .बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक की अध्यक्षता में गठित इस समिति में प्राथमिक शिक्षा निदेशक , माध्यमिक शिक्षा निदेशक, एससीइआरटी निदेशक और पीएम पोषण योजना के निदेशक शामिल हैं.
पंद्रह अगस्त पर प्रत्येक जिले में दस-दस शिक्षक किये जायेंगे पुरस्कृत
15 अगस्त पर सम्मानित करने प्रत्येक जिले से दो शिक्षकों (एक शिक्षक और एक महिला शिक्षक ) को पुरस्कृत करने के आदेश दिये हैं. इस तरह पंद्रह अगस्त पर कुल 76 को पुरस्कृत किया जायेगा. इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण दिवसों पर प्रधानाध्यापक/ शिक्षक और विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
पुरस्कार की कैटेगरी इस प्रकार तय की गयी है
शिक्षकों के लिए
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– सर्वश्रेष्ठ प्रधानाध्यापक
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-सर्वश्रेष्ठ शिक्षक (अध्यापन)
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-सर्वश्रेष्ठ शिक्षक (आइसीटी)
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-सर्वश्रेष्ठ शिक्षक (नवाचार )
विद्यालय के लिए
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-सर्वश्रेष्ठ आइसीटी लैब
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-सर्वश्रेष्ठ खेलकूद की व्यवस्था
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– सर्वश्रेष्ठ स्वच्छता
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-सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशाला
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-सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट क्लास की सुविधा
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-सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों की उपस्थिति
विद्यार्थियों के लिए
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– राष्ट्रीय आय-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना में सफल विद्यार्थी
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– राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में सफल विद्यार्थी
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– तकनीकी और विज्ञान जगत के लिए नवाचार
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– खेल-कूद में कोई विशिष्ट उपलब्धि
विशेष अनुशंसा के लिए
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– जिला पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त की तरफ से किसी विद्यालय, अध्यापक अथवा विद्यार्थी की विशेष अनुशंसा
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए बिहार से छह शिक्षक नामित हुए
इधर, इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए बिहार से 6 शिक्षकों को नामित किया गया है. राष्ट्रीय चयन कमेटी अंतिम रूप से पुरस्कार के लिए शिक्षकों के नाम चयनित करेगी. विभिन्न जिला चयन कमेटी से मिले शिक्षकों के नाम के आधार पर राज्य चयन कमेटी ने 6 शिक्षकों का चयन किया गया है. राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्यों से 152 शिक्षकों के नाम पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं. इसमें बिहार के 6 हैं. सभी 6 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार मिलना तय है.
इन शिक्षकों के नाम भेजे गये
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द्विजेंद्र कुमार, प्रधान शिक्षक, मध्य वि. मधुबन बनगांव बाजार सीतामढ़ी
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अनिल कुमार सिंह, प्रधान शिक्षक, आदर्श बालिका उ.मा. विद्यालय कैमूर
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अर्जुन कुमार साहा शिक्षक उच्च माध्यमिक विद्यालय मधेपुरा कटिहार
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कुमारी गुड्डी शिक्षक उच्च विद्यालय सिंधिया किशनगंज
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संगीता कुमारी शिक्षक यू एच एस कलुआही मधुबनी
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उमेश कुमार यादव प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय हरिहरपुर हाजीपुर
श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित हुए त्रिभुवन कुमार
दरभंगा से मिली जानकारी के अनुसार जाले प्रखंड की काजी बहेड़ा पंचायत के रहनेवाले त्रिभुवन कुमार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) की ओर से श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार उन्हें कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीआर सिंह और कृषि विभाग, बिहार सरकार के सचिव ने विवि के 14वें स्थापना दिवस पर शिक्षा कार्य में विशिष्ट योगदान के लिए दिया गया. त्रिभुवन कुमार जाले प्रखंड के काजी बहेड़ा गांव निवासी रामू साह के पुत्र हैं. वर्तमान में त्रिभुवन कुमार बिहार कृषि विवि के मॉलिक्यूलर जीव विज्ञान और अनुवांशिकी इंजीनियरिंग विभाग में वरिष्ठ वेतनमान में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं.
ग्रामीण परिवेश में ही हुई थी स्कूली शिक्षा
उनकी स्कूली शिक्षा ग्रामीण परिवेश में ही हुई थी. उन्होंने एमएससी की पढ़ाई ब्रह्मपुर विश्वविद्यालय, ओडिशा से की तथा एमटेक की पढ़ाई राजीव गांधी टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय से की. एमटेक की पढ़ाई के दौरान एआईसीटीई, न्यू दिल्ली से इनको गेट स्कॉलरशिप भी प्रदान किया गया. उन्हें पीएचडी अध्ययन के दौरान बायोटेक्नोलॉजी विभाग, भारत सरकार से जूनियर रिसर्च फैलोशिप और सीनियर रिसर्च फैलोशिप भी प्रदान किया गया. इसके अलावा इन्हें विभिन्न सोसायटी और संस्थाओं के द्वारा कई उत्कृष्ट पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. उनकी सफलता पर उनके गांव ही नहीं, आसपास मेंभी खुशी का माहौल है.