अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 30 जनवरी को शहर से 501 भक्तों का जत्था अयोध्या के लिए पैदल रवाना होगा. यहां से भक्त प्रभु राम के लिये सोने का मुकुट, चांदी का तीर-धनुष, अंगवस्त्र, चरण पादुका, सीता के लिए 16 शृंगार सामग्री और सभी पौराणिक स्थलों की मिट्टी भी लेकर जायेंगे, जिसे अयोध्या में श्रीराम को समर्पित किया जायेगा. यात्रा का आयोजन नील सेना कर रहा है. इसमें बिहार के कई जिलों के लोग शामिल होंगे. यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी भागीदारी रहेगी.
रास्ते भर महिलाएं ‘एक चुटकी सिंदूर दान करें, सीता का सम्मान करें’ का आह्वान कर सिंदूर जमा करेंगी. अयोध्या में प्रसाद के तौर पर महिलाओं में सिंदूर बांटा जायेगा. यात्रा की शुरुआत गरीबनाथ मंदिर से 30 जनवरी को शुरू होगी, जो 13 फरवरी को अयोध्या पहुंचेगी. गरीबनाथ मंदिर से निकलने के बाद इस यात्रा का रात्रि विश्राम मोतीपुर, साहेबगंज, मोतिहारी, गोपालगंज, गोपालगंज सिटी, हाटा, कुशीनगर, जनपद कुशीनगर, गाेरखपुर, अरैया व बस्ती में होगा. विश्राम स्थल पर भंडारा का आयोजन होगा और यात्रा में साथ चलने वाले संत रामकथा का वाचन करेंगे. नील सेना के अध्यक्ष राजेश राम रमैया ने कहा कि नील सेना बहुत पहले से इसकी तैयारी में जुटी हुई थी. पैदल यात्रा में जाने वाले सभी भक्तों का निबंधन हो चुका है.
नील सेना की ओर से 26 जनवरी को बक्सर से श्री मिथिला दूल्हा-दुल्हन रथ यात्रा निकाली जायेगी, जो पटना, हाजीपुर, समस्तीपुर, जनकपुर, सीतामढ़ी, पुरौना धाम होते हुए 29 जनवरी को गरीबनाथ मंदिर पहुंचेगी. यहां रथ-यात्रा समापन किया जायेगा. रथ लेकर नील सेना के अध्यक्ष राजेश राम रमैया आयेंगे. यहां भक्तों का रात्रि विश्राम होगा और दूसरे दिन 30 जनवरी को अयोध्या के लिये पैदल यात्रा शुरू होगी.