Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है. वहीं, 22 जनवरी को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय किया गया है. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां पहुंचेंगे. इससे पहले मंदिर निर्माण के लिए पटना का महावीर मंदिर ट्रस्ट ने 10 करोड़ का दान किया है. इसमें से आठ करोड़ की राशि दी जा चुकी है. जबकि, प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से पहले 19 जनवरी को ट्रस्ट की ओर से अंतिम किस्त की राशि दो करोड़ रुपए प्रदान की जाएगी. महावीर मंदिर न्यास- पटना के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने खुद इस बाद की जानकारी साझा की है. रामलला को सोना भी दान किया जा रहा है. इससे कलश बनाया जा रहा है. साथ ही धनुष व बाम भी राम मंदिर को भेंट किया जा रहा है.
आचार्य किशोर कुणाल ने राम रसोई के बारे में भी जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि इससे महावीर मंदिर को पूरे देश में एक पहचान मिली है. 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है. लेकिन, इसके लिए पटना के महावीर मंदिर में तैयारी चल रही है. राम रसोई के द्वारा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे भक्तों को स्वादिष्ट भोजन कराया जाएगा. राम रसोई का अयोध्या में सुबह के नौ बजे से रात के नौ बजे आयोजन होगा. इसे अयोध्या में बिहार की खास पहचान के तौर पर देखा जा रहा है. राम रसोई के बारे में बता दें कि इसमें बगैर लहसून और प्याज के भोजन बनाया जाता है. साल 2019 में इसकी स्थापना की गई थी. लेकिन, कोरोना काल में इसे बंद कर दिया गया था. इसके बाद फिर से इसकी शुरुआत की जा रही है. फिलहाल, सैकड़ों लोग इसमें बैठकर प्रसाद को ग्रहण करते हैं. इसके लिए भवन बनाने की भी तैयारी चल रही है.
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राम रसोई की बिहारी शैली में बिहारी व्यंजन की व्यवस्था होती है. बता दें कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर देशभर में लोग उत्साहित है. बिहार से भी कई लोग अयोध्या जाने वाले है. वहीं, आचार्य किशोर कुणाल महावीर मंदिर टस्ट्र की ओर से 10 करोड़ का दान कर रहे हैं. यह दान राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए है. इसकी अंतिम किस्त प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के पहले दी जाएगी. बताया जाता है कि धनुष और बाण का दान इसलिए किया जा रहा है क्योंकि श्री राम के धनुष को तोड़ने के बाद ही सीता और राम का परिणय हुआ था. इसलिए इसके एक संपर्क सूत्र के तौर पर देखा जाता है. मिथिला और अयोध्या के बीच के समन्वय के तौर पर इसे देखा जा रहा है. महावीर मंदिर के लिए एक कंपनी की ओर से सोने का कलश का निर्माण किया जा रहा है. इसे ही धनुष निर्माण का काम सौंपा गया है. 15 जनवरी तक पहले 10 करोड़ की आखिरी किस्त देने का फैसला लिया गया था. लेकिन. आचार्य किशोर कुणाल स्वास्थ्य कारणों से अयोध्या नहीं जा सके. इसलिए अब 19 तारीख को दान की आखिरी किस्त किशोर कुणाल के द्वारा दी जाएगी.