गणेश वर्मा, बेतिया
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले देश के विद्वान धर्माचार्यों में पश्चिम चंपारण के वेदाचार्य डॉ अनय मणि त्रिपाठी का भी चयन हुआ है. डॉ अनय जिले के बांसगांव परसौनी के रहने वाले हैं. वर्तमान में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्रीरणवीरपरिसर जम्मू-कश्मीर में वेदविभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बुलावे पर वह अयोध्या के लिए रवाना हो गये हैं. मंगलवार 16 जनवरी से शुरू हो रहे प्राण प्रतिष्ठा पूजा का विधि विधान शुरू कराएंगे.
डॉ अनय मणि त्रिपाठी का पूरा परिवार पीढ़ियों से संस्कृत की सेवा में तत्पर है. उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से शुक्लयजुर्वेदाचार्य व पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की है. काशी के वैदिकों में अनय मणि त्रिपाठी का नाम विख्यात है. उनके परिजन परसौनी के पास ही मंझरिया में रहते हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय की ओर से आये निमंत्रण पत्र में उन्हें 15 जनवरी से 23 जनवरी तक अयोध्या में रहकर प्राण प्रतिष्ठा पूजन विधि विधान में शामिल रहने को कहा गया है. डॉ अनय ने बताया कि उनके पास जो भी शिक्षा, बोध, आचरण, ज्ञान तथा यश है, वह उनकी मां शांति देवी व बड़े भाई आचार्य विनय मणि त्रिपाठी की छत्रछाया का ही सुफल है. अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा पूजन समारोह में उन्हें मिले निमंत्रण से वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय की ओर से जारी निमंत्रण पत्र में बताया गया है कि काशी के विद्वान् आचार्य श्रीगणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की गणना पर प्राण प्रतिष्ठा की यह तिथि तय की गयी है. पूजा के विधान आचार्य श्रीलक्ष्मी कांत दीक्षित के नेतृत्व में संपन्न होंगे. ऐसे में आचार्य श्रीगणेश्वर शास्त्री और श्रीलक्ष्मी कांत दीक्षित की अनुशंसा पर डॉ अनय मणि त्रिपाठी को विधि विधान के लिए चुना गया है.
चीन के क्वांगतोग विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विवेक मणि त्रिपाठी ने बताया कि डॉ अनय मणि त्रिपाठी नित्य वैदिक कर्मों में संलग्न रहते हैं. उनके पढ़ाये हुए शताधिक विद्यार्थी आज विभिन्न वैदिक विद्यालयों में वेदाध्यापन कर रहे हैं. डॉ अनय के बड़े भाई डॉ प्रवीण मणि त्रिपाठी व्याकरण, दर्शन, तन्त्रागम तथा शिक्षाशास्त्र के विद्वान् हैं. हिन्दी, संस्कृत व भोजपुरी के जाने माने कवि हैं.