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मुजफ्फरपुर में खुलेगा आयुर्वेदिक अस्पताल, सदर अस्पताल परिसर में सात करोड़ की लागत से बनेगा भवन

सदर अस्पताल में सात करोड़ की लगात से आत्याधुनिक आयुर्वेदिक अस्पताल खुलेगा. अस्पताल खुलने के बाद आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक पद्धति से इलाज का लाभ उठा सकेंगे. इसके लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने सदर अस्पताल में अत्याधुनिक जिला संयुक्त आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने की पहल शुरू कर दी है.

मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल में सात करोड़ की लगात से आत्याधुनिक आयुर्वेदिक अस्पताल खुलेगा. अस्पताल खुलने के बाद आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक पद्धति से इलाज का लाभ उठा सकेंगे. इसके लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने सदर अस्पताल में अत्याधुनिक जिला संयुक्त आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने की पहल शुरू कर दी है.

अस्पताल में अत्याधुनिक संयुक्त आयुर्वेदिक अस्पताल बनेगा. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. उप सचिव ने जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी से इसकी रिपोर्ट मांगी है. वहीं सिविल सर्जन को पत्र लिखकर अस्पताल खोलने के लिए सदर अस्पताल परिसर में जगह उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशर्फी सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में अत्याधुनिक संयुक्त अस्पताल खुल जाने से होम्योपैथिक, यूनानी व आयुर्वेदिक पद्धति से लोगों को इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जायेगी.

एलोपैथ के साथ ही एक ही परिसर में आयुष पद्धति से भी इलाज उन्हें मिलेगा. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण अस्पताल का भवन बनने के लिए राशि का आवंटन में देरी हो रही थी. इसके लिए राशि आवंटित कर दी है. डीएम के स्तर से भवन निर्माण विभाग सदर अस्पताल परिसर में पांच फ्लोर (जी5) बिल्डिंग बनाएगा. इसमें तीनों पद्धति से मरीजों का इलाज होगा.

पांच डॉक्टर और चार कंपाउंडर हैं इस अस्पताल में अभी

संयुक्त अस्पताल में पांच डॉक्टर और चार कंपाउंडर हैं. एक डॉक्टर पिछले माह ही सेवानिवृत्त हो गये हैं. डॉ अशर्फी सिंह ने बताया कि आयुष मंत्रालय ने इस पद्धति को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है. मंत्रालय के निर्देश पर सरकार के तत्कालीन उप सचिव नागेंद्र प्रसाद ने सिविल सर्जन को 16 जनवरी 2019 को ही संयुक्त देसी चिकित्सालय को सदर अस्पताल में समाहित करने का निर्देश दिया था. इस बीच कोरोना संक्रमण आ गया, जिस कारण यह स्थगित हो गया.

बीबीगंज में अभी संचालित हो रहा संयुक्त अस्पताल

जिला देशी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि बीबीगंज में वर्तमान में संचालित हो रहा है. संयुक्त देसी चिकित्सालय भी इसी अस्पताल में समाहित हो जायेगा. मोतीपुर, कटरा, मुरौल व सरैया में ग्रामीण स्तर पर संचालित हो रहे देशी चिकित्सालय को भवन नहीं होने के कारण सरकार के निर्देश पर स्थानीय पीएचसी में शिफ्ट कर दिया गया है. ग्रामीण स्तर के इन चारों अस्पतालों को जिला से ही मॉनीटरिंग की जाती है.

Posted by Ashish Jha

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