पटना . राज्य में आयुष चिकित्सकों और आयुष अस्पतालों में आनेवाले मरीजों को आयुष दवाएं नहीं मिल रही हैं.
विभाग द्वारा अब तक आयुष दवाओं की खरीद की नीति तैयार नहीं की गयी है. आयुष दवाओं की खरीद को लेकर इस सप्ताह नीति निर्धारित हो जायेगी, जिससे दवाओं की खरीद आसान हो जायेगी.
एलोपैथ की दवाओं का रेट कंट्रेक्ट तो बीएसएमआइसीएल द्वारा की गयी है. निर्धारित दर पर दवाओं की खरीद और आपूर्ति राज्य के स्वास्थ्य उपकेंद्रों से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों व सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में की जाती है.
इधर, राज्य में आयुष मद में करीब 100 करोड़ की राशि पड़ी हुई है. इस सप्ताह यह तय हो जायेगा कि आयुष दवाओं की खरीद बीएसएमआइसीएल से करेगी या भारत सरकार की कंपनियों से नोमिनेशन के आधार पर खरीद करेगी.
कोरोना महामारी के दौर में भी आयुष की दवाएं नहीं थीं. स्थिति यह रही कि चैरिटी में एक लाख पॉकेट काढ़ा लेकर मरीजों के बीच बांटा गया.
राज्य में आयुष चिकित्सा के माध्यम से मरीजों को चिकित्सा सेवा देने के लिए 26 जिला संयुक्त औषधालय की स्थापना की गयी है.
इस औषधालय में आयुष के तीनों विधाओं आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी चिकित्सकों का पदस्थापन किया जाता है.
Posted by Ashish Jha