आयुष्मान भारत का लाभ लेने के लिए नहीं बहाना पड़ेगा पसीना, सभी अस्पतालों में होगी आरोग्य मित्र की तैनाती
गया में आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ लेने के लिए लोगों को पसीना बहाना पड़ता है. इस योजना के तहत लाभुकों के इलाज के लिए जिले में 27 सरकारी व 16 प्राइवेट अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है.
जितेंद्र मिश्र, गया
गया में आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ लेने के लिए लोगों को पसीना बहाना पड़ता है. इस योजना के तहत लाभुकों के इलाज के लिए जिले में 27 सरकारी व 16 प्राइवेट अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. जिले में 2090478 लोगों (पर्सनल) को इस योजना के तहत चयनित किया गया था, पर अब तक महज 2.10 लाख लोगों का ही कार्ड बन सका है. वहीं, सरकारी अस्पतालों में कार्ड बनवाने में तेजी लाने और योजना का लाभ दिलाने में मदद के लिए आरोग्य मित्र बहाल करने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, कार्ड बनाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर ( वसुधा केंद्र) व यूटीआइ नामक एजेंसी को जिम्मेदारी सरकार की तरफ से दी गयी है.
नौ महीने में कम हुई कार्ड बनवाने वालों की संख्या
कार्ड बनाने में पिछले नौ माह में भारी गिरावट की बात विभाग की ओर से बतायी जाती है. मुख्य तौर पर जो कारण सामने आया है, वह कार्ड बनाने के दौरान पेचीदगी का है. कई लोग कार्ड बनाने को तैयार नहीं होते, तो कई का कार्ड विभाग से स्वीकृत ही नहीं हो पाता. अब तक जिले के प्राइवेट अस्पतालों में 8300 लोगों ने इस योजना के तहत इलाज करवाया है, वहीं सरकारी अस्पतालों में लाभुकों के इलाज कराने की संख्या आठ हजार है. दूसरे जिलों के लोगों का भी इलाज यहां आसानी से हो जाता है.
ज्यादातर लाभुक प्राइवेट में ही इलाज कराने पर देते हैं जोर
ज्यादातर लाभुक इस योजना के तहत प्राइवेट में ही इलाज कराने पर जोर देते हैं. फिलहाल देखा जाये, तो सूची में नाम आने के बाद भी कई जरूरतमंदों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. हालांकि, सरकार के स्तर पर सभी सरकारी अस्पतालों में कार्ड बनवाने में सहयोग के साथ योजना का लाभ दिलाने में मदद के लिए आरोग्य मित्र बहाल करने का आदेश दिया गया, लेकिन अब तक 27 अस्पतालों में महज नौ आरोग्य मित्र ही काम करने पहुंचे हैं. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के लाभुकों को कार्ड बनाने में सक्रियता दिखानी चाहिए. विभाग से बात कर स्वीकृति दिलाने की प्रक्रिया को और आसान किया जायेगा. बोधगया व बांकेबाजार में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया गया है.
आंकड़ों पर एक नजर
जिले में आयुष्मान कार्डधारकों के दो स्तर हैं, इनमें पर्सनल स्तर के 2090478 लोगों को कार्ड देने का टारगेट था, पर अब तक महज 2.10 लाख लोगों का कार्ड बना है. वहीं फैमिली स्तर के 3.72 लाख लोगों को कार्ड देने का टारगेट था, पर अब तक महज 96 हजार का ही कार्ड बन सका है.