Bihar Flood : बागमती और महानंदा लाल निशान के पार, कई गांव की सड़कों पर चढ़ा पानी, मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

उत्तर बिहार के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कोसी बराज से इस सीजन का सबसे अधिक डिस्चार्ज शुक्रवार को किया गया. जिसके बाद बागमती और महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं कई नदियां खतरे के निशान से कुछ ही सेमी दूर है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2023 9:22 PM

बीरपुर के कोसी बराज से शुक्रवार सुबह करीब एक लाख 73 हजार 765 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इस सीजन का यह अधिकतम डिस्चार्ज है. वहीं, बागमती और महानंदा नदियां भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इससे निचले इलाकों में रहने वालों के लिए बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि जल संसाधन विभाग ने अपने सभी तटबंधों को सुरक्षित रहने का दावा किया है. साथ ही उसके अभियंता और जिला प्रशासन 24 घंटे स्थिति पर नजर रखे हुये है.

बागमती नदी खतरे के निशान से 66 सेंटीमीटर ऊपर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले के रून्नीसैदपुर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 66 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें 16 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें 62 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है. सीतामढ़ी जिले के ढेंगब्रिज में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें 15 सेंटीमीटर कमी की संभावना है.

महानंदा नदी खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर

किशनगंज जिले के तैयबपुर में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें 55 सेंटीमीटर की कमी की संभावना है. पूर्णिया जिले के ढेंगराघाट में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 69 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें 31 सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना है. कटिहार जिले के झावा में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर नीचे था. इसमें 29 सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना है.

बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास 

मधुबनी जिले के जयनगर में कमला बलान का जलस्तर खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें 30 सेंटीमीटर की वृद्धि की संभावना है. मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान का जलस्तर खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें पांच सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना है.

कोसी भी खतरे के निशान के पास 

सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर नीचे थी. इसमें नौ सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 76 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें 53 सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना है.

गंडक नदी भी खतरे के निशान के पास 

गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 54 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें तीन सेंटीमीटर कमी की संभावना है. अररिया में परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें 37 सेंटीमीटर वृद्धि की संभावना है.

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गंगा व कोसी में उफान बरंडी शांत

कटिहार में गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में उफान है. जबकि बरंडी नदी के जलस्तर दूसरे दिन भी शांत रहा है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की ओर से शुक्रवार की शाम को जारी रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी के रामायणपुर में शुक्रवार की सुबह 24.26 मीटर दर्ज किया गया, जो शाम में बढ़कर 24.29 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 26.30 मीटर दर्ज किया गया था, जो 12 घंटे बाद शुक्रवार की शाम बढ़कर 26.40 मीटर हो गया. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार की सुबह 26.85 मीटर दर्ज की गयी. शाम में यहां का जलस्तर बढ़कर 26.92 मीटर हो गया है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच 31 डूमर में 27.20 मीटर दर्ज किया गया. शुक्रवार की शाम यहां का जलस्तर 27.20 मीटर ही रहा है.

महानंदा के जलस्तर में वृद्धि से सड़क पर बह रहा पानी

कटिहार में महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण चांदपुर बैरिया गांव के मुख्य सड़क पुरी तरह से डूब गया है. सड़क के ऊपर से पानी बह रही है. रातों रात महानंदा के जलस्तर में अचानक इतनी तेजी के कारण गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का समय नहीं मिल सका. यही कारण है कि गांव में फंसे लोग अपने मवेशियों के साथ महिलाओं को भी सुरक्षित स्थान पर लेकर पूरे दिन जाते रहे. स्थानीय लोगों ने कहा कि सड़क पर कमर भर से ऊपर पानी है. छोटे बच्चों को अपने कंधों में बिठा कर सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ता है.

महानंदा उफान पर 

महानंदा नदी डेंजर लेवल को पार करते हुए अपना विकराल रूप दिखाने को उतावली हो गई है. यदि महानंदा तटबंध को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचा तो आजमनगर प्रखंड वासियों को बचाना मुश्किल हो सकता है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि प्रखंड क्षेत्र के कुछ लोगों द्वारा लगातार घास, भूसा एवं जलावन जैसे चिजों को बांध के किनारे रखने की वजह से चूहों का अड्डा बन चुका है. बताते चलें कि वर्ष 2017 में चूहों के कारण बांध टुट गई थी. जिससे बड़ा नुकसान हुआ था. महानंदा तटबंध के निगरानी कर रहे विभागीय एसडीओ विष्णुदेव पासवान ने बताया कि महानंदा चेतावनी लेवल से ऊपर आ चुकी है.

बागमती नदी का पानी चढ़ा सड़क के निचले हिस्सा में

इधर, पूर्वी चंपारण में बागमती एवं लालबकेया नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है . नदी में आई बाढ़ का पानी शिवहर -मोतिहारी पथ में देवापुर से बेलवाघाट कच्ची सड़क पर चढ़ गया है. इससे इस रास्ते वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. लोगों को आने-जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पर रहा है. नदी के जल स्तर में अगर गुरुवार रात तक बढ़ोत्तरी होती रही, तो बाढ़ का पानी शिवहर- मोतिहारी पथ के कच्ची सड़क के रास्ते जिहुली के तरफ प्रवेश कर सकती है . बागमती परियोजना शिवहर के जेई चंदन कुमार ने बताया कि बागमती नदी में डुब्बा घाट में गुरुवार के तीन बजे 60 – 51 पानी का स्तर है . जबकि खतरा का निशान 61- 28 है . सीओ सौरव कुमार ने बताया कि बागमती नदी के जल स्तर में धीरे धीरे बढ़ोत्तरी हो रहा है. बाढ़ का पानी शिवहर-मोतिहारी पथ के देवापुर कच्ची सड़क के निचले हिस्से पर चढ़ गया है . नदी के जलस्तर पर नजर रखने को चौकीदार को देवापुर घाट पर तैनात किया गया है.

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