Bihar Flood: बागमती, कमला बलान, महानंदा और परमान नदियां लाल निशान के पार
मुजफ्फरपुर जिले के रून्नी सैदपुर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें 47 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें 12 सेंटीमीटर कमी की संभावना है.
पटना. बिहार में कई जगहों पर शनिवार को बागमती, कमला बलान, महानंदा और परमान नदियां लाल निशान के पार बह रही थीं. वहीं कोसी सहित अन्य नदियों में बढ़ोतरी का रुख है. रविवार को खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी का जलस्तर लाल निशान को पार करने की संभावना है. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में शनिवार को एक लाख 21 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं वीरपुर बराज से कोसी नदी में एक लाख 47 हजार 425 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार सीतामढ़ी जिले के ढेंगब्रिज में बागमती नदी खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर नीचे थी. इसमें 25 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. मुजफ्फरपुर जिले के रून्नी सैदपुर में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें 47 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद में बागमती नदी खतरे के निशान से 74 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें 12 सेंटीमीटर कमी की संभावना है.
नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना
मधुबनी जिले के जयनगर में कमला बलान का जलस्तर खतरे के निशान से करीब पांच सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें बढ़ोतरी की संभावना है. वहीं झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर नीचे था. इसमें 50 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. सुपौल जिले के बसुआ में कोसी नदी खतरे के निशान से 38 सेंटीमीटर नीचे थी. इसमें सात सेंटीमीटर कमी की संभावना है. खगड़िया जिले के बलतारा में कोसी नदी खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर नीचे थी. इसमें 53 सेंटीमीटर की वृद्धि की संभावना है. किशनगंज जिले के तैयबपुर में महानंदा नदी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें 95 सेंटीमीटर कमी की संभावना है. पूर्णिया जिले के ढेंगराघाट में महानंदा नदी खतरे के निशान से 105 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें फिलहाल परिवर्तन की संभावना नहीं है. कटिहार जिले के झावा में महानंदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 48 सेंटीमीटर ऊपर था. इसमें तीन सेंटीमीटर कमी की संभावना है. अररिया में परमान नदी खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर ऊपर थी. इसमें 27 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है. गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में गंडक नदी खतरे के निशान से 56 सेंटीमीटर नीचे थी. इसमें 14 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है.
कई जिलों में सड़क ध्वस्त, डायवर्सन टूटे
सहरसा में पश्चिमी कोसी तटबंध से वाया पचभिंडा से घोंघेपुर तक जानेवाली पक्की सड़क पर पानी ओवरफ्लो होने से ध्वस्त हो गया. सड़क के टूटने से घोंघेपुर पंचायत के कई गांवों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया. पूर्णिया के बायसी प्रखंड में निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. बनगामा पंचायत में मजलिशपुर जाने वाली सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है. असजा मुबैया पंचायत में जनता हाट के पास प्रधानमंत्री सड़क पर डेढ़ से दो फीट पानी बह रहा है. एक निजी विद्यालय के प्रांगण में भी बाढ़ का पानी घुस गया. अमौर प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गया है. छह सौ घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. प्रभावित लोग झुग्गी बना कर कहीं सड़क पर, तो कहीं पुल पर शरण लिये हुए हैं. कटिहार में पानी के दबाव में कचौड़ा चौकी पथ डुमरिया पुल से आगे सिकोड़ना गांव के पास सड़क टूटने से यातायात ठप हो गया है. सड़क पर दो फीट बाढ़ का पानी बह रहा है. चार चक्का वाहन, ऑटो, बाइक का आना-जाना पूर्ण रूप से बंद है.
तेज बहाव में एनएच 327 ई पर निर्माणाधीन पुल का डायवर्सन बहा
अररिया जिले को पूर्वोत्तर सीमा से जोड़ने वाली राष्ट्रीय राज्य मार्ग एनएच 327 ई में जीरोमाइल के समीप पानी के तेज बहाव में एक डायवर्शन बह गया. जिसके कारण अररिया सिलीगुड़ी मुख्य मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है. वहीं गाड़ियों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गयी है. बता दें कि पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जिले से होकर बहने वाली सभी नदियां उफान पर हैं, डायवर्सन पानी की तेज धार में बह जाने के कारण अररिया से बंगाल जाने का सीधा संपर्क टूट चुका है. कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली अमूमन सभी नदियां उफान पर है. इससे प्रखंड क्षेत्र का आधे दर्जन से अधिक पंचायतें बाढ़ की चपेट में आ गयी. परमान नदी के जल स्तर में काफी वृद्धि होने से अररिया मुख्यालय से डम्हैली, झमटा, बांसबारी, महिसाकोल सहित दर्जनों गांव का सीधा संपर्क टूट गया है. अररिया नगर परिषद के वार्ड संख्या 11 होकर बांसबाड़ी, महिसाकोल जाने वाली मुख्य सड़क पर 2 से 3 फीट परमान नदी का पानी बह रहा है. बांका जिले के पंजवारा से होकर बहने वाली चीर नदी पर बन रहे नये पुल का डायवर्सन दूसरी बार ध्वस्त हो गया. इस कारण झारखंड के गोड्डा जिला से बांका का सड़क संपर्क टूट गया है.