ओडिशा में पिछले सप्ताह एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ था. इसमें 275 लोगों की मौत हो गयी थी और सैकड़ों लोग घायल हो गये थे. मृतकों में अभी भी 82 शवों की पहचान नहीं हो पायी है. ओडिशा सरकार ने बालासोर रेल दुर्घटना में मृतकों के 82 शवों की पहचान के लिए पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के अधिकारियों से चर्चा की और यहां संरक्षित शवों की शीघ्र पहचान तथा निपटान में मदद मांगी.
रेलवे और भुवनेश्वर एम्स से को-ऑर्डिनेट कर रहा बीएमसी
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने कहा, ‘हम शवों के दावेदारों को सत्यापित करने और पहचान प्रक्रिया को तेज करने के लिए अन्य राज्यों की सरकारों के अधिकारियों के साथ भी समन्वय कर रहे हैं.’ कुलंगे ने कहा कि बीएमसी रेलवे और भुवनेश्वर एम्स के बीच समन्वय कर रहा है.
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ से भी किया गया संपर्क
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से शवों की पहचान में तेजी लाने में मदद करने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा, ‘पीड़ितों के परिजनों की मदद करने के लिए नियंत्रण केंद्र बनाया गया है. शव लेने के लिए आने वाले लोगों के लिए भोजन और रहने की भी व्यवस्था की जा रही है.’
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162 में से 82 शवों की नहीं हो पायी है पहचान
भुवनेश्वर एम्स ने कहा कि संस्थान में रखे गये 162 शवों में से 80 शवों को मृत व्यक्तियों के परिवारों को सौंप दिया गया है, जबकि 82 शवों की पहचान अब तक नहीं की जा सकी है. बता दें कि बालेश्वर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की यशवंत एक्सप्रेस से टक्कर हो गयी थी, जिसमें पौने तीन सौ लोगों की मौत हो गयी.
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